मामला छतरपुर जिले के बकस्वाहा नगर के कछार गांव का है। हैंडपंप खुद-ब-खुद आग और पानी दोनों एकसाथ उगल रहा है। कुछ इसे चमत्कार मान रहे हैं तो कुछ भूगर्भ हलचल का परिणाम बता रहे हैं।
मध्य प्रदेश में एक अनोखा मामला सामने आया है। छतरपुर जिले के एक गांव में लगे हैंडपंप से आग की लपटें उठ रही हैं। इस घटना से लोग अचरज में भी हैं, और दहशत में भी। हालांकि जानकार का कहना है कि मीथेन गैस निकलने से ऐसा हो रहा है। इसके वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार मामला छतरपुर जिले के बकस्वाहा नगर के कछार गांव का है। लोगों ने बताया कि गांव में दो हैंडपंप हैं। बुधवार सुबह स्कूल के पास वाल एक हैंडपंप खुद-बखुद आग और पानी दोनों एकसाथ उगल रहा है। लोगों को इस बात का पता चलते ही लोग इसे देखने पहुंचने लगे। बाद में इसकी सूचना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई।एक प्रत्यक्षदर्शी देवेंद्रसिंह लोधी का कहना है कि यह हैंडपंप पहले भी आग उगल चुका है। पहले यह स्कूल के पास का सरकारी हैंडपंप था जिसमें की आग और पानी निकलने के बाद से प्रशासन ने उसका ऊपरी हिस्सा हैंडल और अंदर का पम्प और पाइप निकाल लिया और उसे इसी तरह छोड़ दिया। बुधवार को भी इसी तरह की घटना हुई। कोई इसे चमत्कार मान रहे हैं तो कुछ लोग डरे हुए हैं। उनका कहना है कि जमीन में कोई बड़ी हलचल के परिणाम स्वरूप ऐसा हो रहा है।
क्या कहता है विज्ञान
शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय, भोपाल के प्रो. डॉ. ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ हैंडपंप से पानी के साथ ज्वलनशील गैस का निकलना कोई चमत्कारी घटना नहीं है। यह सामान्यत: हाइड्रोकार्बन (मीथेन) गैस होती है। जहां अवसादी चट्टानों में पेड़-पौधों के अवशेष अवसाद (बारीक रेत) के साथ दलदली क्षेत्र में जमा होते हैं वहां भौतिक-रासायनिक पृक्रम द्वारा द्वारा विघटन-अपघटन द्वारा मीथेन गैस का निर्माण होता है। यह गैस गर्म होने से या जलने से घनत्व में कम होती है, परिणामस्वरूप ऊपर को उठती है और वैक्यूम निर्मित होता है जिससे इस गैस के नीचे स्थित भौमजल भी ऊपर की ओर उठता है। यह क्रम एकान्तरित रूप से चलता है।
क्या कहता है विज्ञान
शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय, भोपाल के प्रो. डॉ. ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ हैंडपंप से पानी के साथ ज्वलनशील गैस का निकलना कोई चमत्कारी घटना नहीं है। यह सामान्यत: हाइड्रोकार्बन (मीथेन) गैस होती है। जहां अवसादी चट्टानों में पेड़-पौधों के अवशेष अवसाद (बारीक रेत) के साथ दलदली क्षेत्र में जमा होते हैं वहां भौतिक-रासायनिक पृक्रम द्वारा द्वारा विघटन-अपघटन द्वारा मीथेन गैस का निर्माण होता है। यह गैस गर्म होने से या जलने से घनत्व में कम होती है, परिणामस्वरूप ऊपर को उठती है और वैक्यूम निर्मित होता है जिससे इस गैस के नीचे स्थित भौमजल भी ऊपर की ओर उठता है। यह क्रम एकान्तरित रूप से चलता है।
0 Comments