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Maharashtra: विनायक मेटे का बीड में राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, सीएम शिंदे रहे मौजूद

शिव संग्राम पार्टी प्रमुख विनायक मेटे बीड में अंतिम संस्कार किया गया. इसमें सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस समेत कई बड़े नेता मौजूद थे.

शिव संग्राम पार्टी के नेता व महाराष्ट्र विधान परिषद के पूर्व सदस्य विनायक मेटे (Vinayak Mete) का सोमवार को बीड में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) सहित हजारों की संख्या में लोगों और नेताओं ने उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया. गौरतलब है कि रविवार की सुबह रायगड जिले में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर मडल सुरंग के पास मेटे (52) की कार एक ट्रक से टकरा गई, जिसमें उनकी मौत हो गई.


सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम अंतिम संस्कार में रहे मौजूद

मेटे की शव यात्रा शिवसंग्राम भवन से अपराह्न करीब एक बजे शुरू हुई और शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरी, जहां लोगों ने अपने नेता को अंतिम विदाई दी. उनका अंतिम संस्कार स्वतंत्रता दिवस का औपचारिक आयोजन समाप्त होने पर शाम चार बजे के बाद किया गया. मेटे को कनाल रोड पर स्थित रामदेव बाबा मैदान में पुलिस की एक टुकड़ी ने बंदूकों की सलामी दी. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के अलावा महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अब्दुल सत्तार, तानाजी सावंत, चन्द्रशेखर बावनकुले, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे और केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले सहित अन्य लोग मौजूद थे.


मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर गाड़ी हुई थी हादसे का शिकार

बता दें कि शिव संग्राम प्रमुख विनायक मेटे की रविवार को मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी. मेटे, जो एक एसयूवी कार में यात्रा कर रहे थे, पुणे से लौट रहे थे, जब दुर्घटना हुई. उन्हें कामोठे के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हाईवे पुलिस के मुताबिक, मेटे का ड्राइवर एक ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था, तभी हादसा हुआ. मेटे की करीबी सहयोगी भाजपा विधायक भारती लावेकर ने बताया था कि वह एक बैठक के लिए मुंबई आ रहे थे और बाद में उनके स्वतंत्रता दिवस की रैली में शामिल होने के लिए अपने गृहनगर बीड जाने की उम्मीद थी.


3 बार के विधायक रहे थे मेटे

विनायक मेटे का गोपीनाथ मुंडे के साथ काफी करीबी रिश्ता था. उन्होंने 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के साथ हाथ मिलाया. इससे पहले वो एनसीपी समर्थक रहे थे. मेटे को मराठा समाज के लिए काम करने के लिए जाना जाता था, उनके निधन को इस समाज के लिए एक बड़ा झटका बताया जा रहा है. मेटे तीन बार विधायक रह चुके थे.

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