Viral Video: महंगााई से परेशान कराची की एक महिला का वीडियो पाकिस्तान के पत्रकार हामिद मीर ने ट्विटर पर शेयर किया था. अब देखते देखते यह वीडियो वायरल हो गया है. इस वीडियो में महिला शहबाज शरीफ, मरियम नवाज सहित अन्य नेताओं की जमकर आलोचना करती दिख रही है.
आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान में इन दिनों एक महिला का वीडियो काफी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में महिला देश में खासकर कराची शहर में दवाओं, किराना और बिजली की आसमान छूती कीमतों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज की खिंचाई करती दिख रही है. इस वीडियो को पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने ट्विटर पर शेयर किया था. अब देखते देखते यह वीडियो सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है और लोग इसे खूब शेयर कर रहे हैं.
सरकार से पूछा, बढ़ती महंगाई के बीच कैसे मैनेज करें खर्च
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में दिख रही महिला की पहचान कराची की रहने वाली राबिया के रूप में हुई है. महिला वीडियो में मुद्रास्फीति में वृद्धि के बाद आर्थिक समस्याओं के बारे में शिकायत करते दिख रही है. वह रोते हुए सरकार से पूछती है कि, "क्या उसे अपने बच्चों को अब और न खिलाकर उनका जीवन समाप्त कर देना चाहिए." महिला आगे कहती है कि, "सरकार में बैठे जिम्मेदारों को उसे बताना चाहिए कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के बाद अपने खर्चों को मैनेज कैसे किया जाए." महिला भावुक होते हुए फिर दोहराती है कि, "मुझे क्या करना चाहिए, घर का किराया, भारी बिजली बिल चुकाना, अपने बच्चों के लिए दूध और दवाएं खरीदना, अपने बच्चों को खिलाना या उन्हें मारना चाहिए?
'सरकार ने गरीबों को लगभग मार डाला है'
रिपोर्ट के मुताबिक, राबिया के दो बच्चे हैं. वह वीडियो में कहती है कि, "एक बच्चे को दौरे पड़ रहे हैं, जबकि उसके इलाज की दवा की कीमतें पिछले चार महीनों के दौरान काफी बढ़ चुकी है. क्या मैं अपने बच्चे के लिए दवाएं खरीदने से बच सकती हूं?" उसने आगे पूछा, "सरकार ने लगभग गरीब लोगों को मार डाला है. क्या आप वास्तव में खुदा से भी नहीं डरते हैं?
वित्त मंत्री ने ये कहकर किया सरकार का बचाव
वहीं इस वीडियो के वायरल होने के बाद इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने मंगलवार को देश की आर्थिक स्थिति का बचाव किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने जून से बिजली दरों में वृद्धि नहीं की और न ही दवाओं पर नए कर लगाए हैं. बता दें कि बहुपक्षीय और द्विपक्षीय उधारदाताओं से डॉलर के प्रवाह में कमी के साथ-साथ घटते विदेशी निवेश के बीच बढ़ते चालू खाता घाटे ने पिछले कई महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार और रुपये को भारी दबाव में ला दिया है. इसकी वजह से तेजी से मुद्रास्फीति बढ़ रही है.
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