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नाले में गिरने से बच्चे की मौत, मानव अधिकार आयोग का बीएमसी को नोटिस

 नाले में गिरने से बच्चे की मौत, मानव अधिकार आयोग का बीएमसी को नोटिस.

राज्य मानवाधिकार आयोग ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के पी साउथ वार्ड के अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए पुछा है की 2019 में खुले नाले में गिरने वाली 18 महीने की बच्ची की मौत के लिए जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए। आयोग ने अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हालांकी इसके बाद भी पिड़िता के परिवारवालो को लगचा है की उन्हे न्याय नही मिलेगा।


क्या है मामला

10 जुलाई 2019 को गोरेगांव के अंबेडकर नगर में दिव्यांश सिंह नाम का एक बच्चा अपने घर के बाहर नाले में गिर गया था। घटना के सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने लड़के की तलाश शुरू कर दी। हालांकि तीन दिन बाद भी शव नहीं मिला, इसलिए उन्होंने तलाशी बंद कर दी।


दो दिन बाद, लड़के के पिता ने डिंडोशी पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज कराया, जिसमें दावा किया गया कि पिछले चार वर्षों से नाला खुला रखा गया था और नगरपालिका में इसकी शिकायत दर्ज की गई थी। इस हादसे के बाद नागरिको में बीएमसी को लेकर काफई आक्रोश है। हालांकी पुलिस जांच में यह भी कहा गया कि चूंकि यह मानसून का मौसम था, इसलिए मौत के लिए नगर निगम के अधिकारियों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।


सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण तिवारी ने घटना के तुरंत बाद आयोग से संपर्क किया था और दिव्यांश के परिवार की ओर से हर सुनवाई में मौजूद थे। आदेश में महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य एम.ए. सईद ने निष्कर्ष निकाला कि वार्ड के सहायक नगर आयुक्त (AMC) की अध्यक्षता में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए कार्रवाई करने के लिए उत्तरदायी है।


आदेश में यह भी कहा गया है कि दुर्घटना के लिए तत्कालीन सहायक अभियंता और उप अभियंता जिम्मेदार थे, संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार क्यों न ठहराया जाए? इस पर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस संबंध में नगर आयुक्त कार्यालय के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।

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