तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर को राष्ट्रीय नेता के रूप में दिखाने के लिए टीआरएस अपनी पार्टी का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति करने जा रही है। इसके जरिए राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का देश भर में प्रचार किया जाएगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव(KCR) विजयादशमी के अवसर पर अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति(BRS) कर दिया है। केसीआर के इस कदम से कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है और सभी ने मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है। केसीआर का यह कदम टीआरएस के राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने और भाजपा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए पार्टी के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी की आम सभा की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया। पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने प्रस्ताव पढ़ा और घोषणा की कि पार्टी की आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से टीआरएस से बीआरएस का नाम बदलने का संकल्प लिया गया।
बिहार के सीएम नीतीश के लिए झटका
केसीआर के इस फैसले से सीएम नीतीश को एक तरह से पहला झटका लगा है, क्योंकि वे सभी विपक्षी पार्टी को एक मंच पर लाना चाह रहे थे लेकिन केसीआर की महत्वाकांक्षा ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इतना ही नहीं केसीआर के समर्थकों ने हैदराबाद की सड़कों पर 'देश का नेता केसीआर' के नारे लगाए जिससे साफ लग रहा है कि वे मुख्यमंत्री नीतीश का साथ नहीं देने के मूड में नहीं हैं। पोस्टर के जरिए केसीआर को राष्ट्रीय नेता के रूप में बताने की कोशिश की गई है। पार्टी का नाम बदलने के बाद अब राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का देश भर में प्रचार किया जाएगा।
जून में हुआ था नई पार्टी के नाम पर मंथन
इस साल जून में केसीआर ने टीआरएस नेताओं के साथ एक राष्ट्रीय पार्टी बनाने के विचार पर चर्चा की थी। हालांकि तब नई पार्टी के विचार पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया था। उस समय टीआरएस के सूत्रों ने यह भी कहा था कि नई पार्टी के लिए 'भारत राष्ट्रीय समिति' (बीआरएस), 'उज्ज्वल भारत पार्टी' और 'नया भारत पार्टी' जैसे कुछ नामों पर चर्चा की गई थी।
वहीं, केसीआर के राष्ट्रीय पार्टी के शुभारंभ से पहले जद (एस) के नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी अपने विधायकों के साथ हैदराबाद पहुंचे। यहां टीआरएस नेता और तेलंगाना के मंत्री के टी रामाराव ने उनका स्वागत किया।
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