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Google Translate: अब नहीं कर पाएंगे Google ट्रांसलेशन, बंद कर दी गई सेवाएं!

Google ने 2010 में चीन के अंदर सर्च इंजन सेवा को बंद कर दिया था. इसकी बड़ी वजह पड़ोसी देश की सरकार द्वारा इंटरनेट सामग्री को बड़े पैमाने पर सेंसर किया जाना था. हालांकि, 2017 में Google ने एक समर्पित वेबसाइट और ऐप के जरिए चीन में ट्रांसलेशन सर्विस की शुरुआत की.


दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन Google ने चीन में ट्रांसलेट सर्विस को बंद कर दिया है. इस कदम से पड़ोसी देश में कंपनी की सेवाओं का दायरा और भी छोटा हो गया है. चीन में ट्रांसलेट वेबसाइट खुलने पर अब एक जेनेरिक गूगल सर्च बार दिख रहा है. इस पर क्लिक करते ही यूजर्स हांगकांग की गूगल ट्रांसलेशन वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं. हालांकि चीनी यूजर्स हांगकांग की ट्रांसलेशन वेबसाइट का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में अमेरिकी टेक कंपनी ने ट्रांसलेशन सर्विस को कम इस्तेमाल किए जाने के कारण बंद कर दिया है.

चीन में गूगल ट्रांसलेश सर्विस के अचानक बंद होने का असर कुछ चीनी एप्लिकेशन पर भी पड़ा है. ये ऐसी एप्लिकेशन हैं, जो गूगल की ट्रांसलेट सर्विस के ऊपर निर्भर हैं. टेकक्रंच के मुताबिक अमेरिकी कंपनी के इस कदम से KOReader डॉक्यूमेंट रीडर जैसी सर्विस का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं. बता दें कि 2006 में गूगल ने चीन में गूगल सर्च का चीनी वर्जन पेश किया था, लेकिन लोकल सर्च इंजन Baidu से इसे कड़ी टक्कर मिली.  

2010 में बंद किया सर्च इंजन 
2010 में गूगल ने चीन में अपनी सर्च इंजन सेवा बंद कर दी थी. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, 2010 में गूगल ने कहा था कि चीन में हैकर्स ने उसके कुछ सोर्स कोड को चुराया है और कुछ चीनी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के Gmail अकाउंट को भी छेड़ा है. इंटरनेट सामग्री पर चीनी सरकार की कड़ी निगरानी को देखते हुए गूगल ने पड़ोसी देश में सर्च इंजन सर्विस को बंद कर दिया.  


कम उपयोग के कारण बंद 
गूगल के प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी ने चीन में कम उपयोग के कारण ‘गूगल ट्रांसलेट’ को बंद कर दिया है. अगस्त में सबसे बड़ी ट्रांसलेशन सर्विस को चीन में 5.35 करोड़ हिट मिले हैं. गूगल ने 2017 में चीन के अंदर ट्रांसलेशन ऐप लॉन्च की थी. चीनी यूजर्स को रिझाने के लिए कंपनी ने मशहूर चीनी-अमेरिकी रैपर एमसी जिन से एड भी कराया था.

चीन की मदद के लिये थी सर्विस 
चीनी यूजर्स ट्रांसलेशन ऐप का इस्तेमाल बिना रोक-टोक कर सकते थे. उस समय अमेरिकी सर्च इंजन का मानना था कि ये सर्विस भाषा की रुकावट के बिना दुनिया को समझने में चीन की मदद करेगी. गूगल सर्च इंजन ने एक बार फिर से चीन में एंट्री लेने की सोची, लेकिन कर्मचारियों और नेताओं के विरोध में कदम पीछे खींचने पड़े.
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