एक सामान्य नागरिक जिसे 5000 रुपये से 10000 रुपये तक के छोटे लोन की सख्त जरूरत थी, उसे लाखों में भी भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसके चलते देश में कई नागरिकों के आत्महत्या करने की कई घटनाएं भी सामने आई हैं.
आईएफएसओ (IFSO) के डीसीपी प्रशांत गौतम के मुताबिक एनसीआरपी पोर्टल पर दिल्ली पुलिस को कई शिकायतें मिल रही थीं कि लोन एप के जरिये लोन देने के बहाने लोगों से जबरन वसूली और ठगी की जा रही है और पैसे नहीं देने पर आरोपी, पीड़ितों की तस्वीरें मॉर्फ्ड कर उन्हें वायरल करने के नाम पर जबरन उगाही कर रहे हैं. आईएफएसओ ने इसका संज्ञान लिया और एनसीआरपी में शिकायतों का विश्लेषण शुरू किया.
शिकायतों के विश्लेषण के दौरान पता चला कि 100 से ज्यादा ऐसे एप कर्ज और रंगदारी रैकेट में शामिल हैं. यह पाया गया कि सभी ऐप उपयोगकर्ता के निजी डेटा में सेंध लगा रहे हैं. उपयोगकर्ता की कॉन्टेक्ट लिस्ट, चैट, मैसेज और तस्वीरों जैसे व्यक्तिगत डेटा हासिल कर उन्हें भारत और विदेशों में सर्वर पर अपलोड किया जा रहा था.
यह देखा गया कि एक सामान्य नागरिक जिसे 5000 रुपये से 10000 रुपये तक के छोटे लोन की सख्त जरूरत थी, उसे लाखों में भी भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसके चलते देश में कई नागरिकों के आत्महत्या करने की कई घटनाएं भी सामने आई हैं. मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए आईएफएसओ ने ऐसे एप के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
आईएफएसओ ने इन ऐप्स पर मामले दर्ज किए थे और इससे पहले इसमें शामिल 22 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद एसआई मंजीत, एसआई मनोज द्वारा एसीपी सुनील पांचाल की देखरेख में छापेमारी की, यह पाया गया कि नेटवर्क दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात और देश के अन्य हिस्सों में फैला हुआ है. छापेमारी में एक चीनी महिला नागरिक यू झांग और हरियाणा निवासी विनीत झावेर को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 3 लैपटॉप, 13 मोबाइल फोन, 7 क्रेडिट/डेबिट कार्ड, 2 हार्ड डिस्क, 4 सिम कार्ड और 3 चेक बुक बरामद हुए हैं.
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि ये अन्य चीनी नागरिकों के इशारे पर काम कर रहे हैं. एप्स की जांच से ये भी पता चला है कि कुछ एप्लिकेशन चीन से अपलोड किए गए थे. इन मामलों में अन्य चीनी नागरिकों की पहचान की जा रही है और उनका पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं. अब तक, विनीत झावर और चीनी नागरिक यू झांग द्वारा उपलब्ध कराए खातों के माध्यम से 150 करोड़ रुपये ज्यादा रुपये का लेनदेन हुआ है.
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