इंडोनेशिया के बाली में चल रहे G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने आ गए और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया। यह मुलाकात G20 शिखर सम्मेलन के प्रतिनिधियों के लिए दिए गए डिनर पार्टी के दौरान हुई। गलवान घाटी में संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्व संबंधों के बीच दोनों नेताओं की मुलाकात ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
डिनर पार्टी के दौरान दोनों नेता मिले
दरअसल, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने जी20 प्रतिनिधियों के स्वागत में डिनर पार्टी दी थी। मीडिया के लिए उस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया। इसी दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंगदोनों नेताओं को हाथ मिलाते देखा गया। जी20 शिखर सम्मेलन से इतर दोनों नेताओं की संभावित द्विपक्षीय बैठक को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन दोनों पक्षों की तरफ से जारी किए गए एजेंडा में ऐसी किसी बैठक का उल्लेख नहीं है।
एससीओ शिखर सम्मेलन में भी शामिल हुए थे दोनों नेता
पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी पहली बार सितंबर में समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में आमने-सामने आए थे। लेकिन उस समय दोनों नेताओं के हाथ मिलाने या अभिवादन करने की कोई रिपोर्ट नहीं थी।
2014 के पहले और 2014 के बाद के भारत में ‘बहुत बड़ा फर्क’-मोदी#WATCH | Prime Minister Narendra Modi meets Chinese President Xi Jinping and US Secretary of State Antony Blinken at G20 dinner hosted by Indonesian President Joko Widodo in Bali, Indonesia.
— ANI (@ANI) November 15, 2022
(Source: Reuters) pic.twitter.com/nZorkq4R1Y
इससे पहले इंडोनेशिया में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के पहले और 2014 के बाद के भारत में ‘बहुत बड़ा फर्क’ है और देश अब ‘अभूतपूर्व पैमाने और गति’ से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने बाली के नुसा दुआ में जी20 शिखर सम्मेलन से कुछ समय निकाला और कुछ किलोमीटर दूर सुनूर के एक होटल बॉलरूम पहुंचे, जहां प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्यों ने ‘‘मोदी, मोदी’’ के नारों से उनका स्वागत किया।
भारत दुनिया के लिए आशा की एक किरण-मोदी
मोदी ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी में भारत दुनिया के लिए आशा की एक किरण है। उन्होंने भारत की विकास गाथा, इसकी उपलब्धियों और भारत द्वारा विभिन्न क्षेत्रों जैसे - डिजिटल प्रौद्योगिकी, वित्त, स्वास्थ्य, दूरसंचार और अंतरिक्ष में हासिल की जा रही जबरदस्त प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विकास के लिए भारत की विस्तृत रूपरेखा में दुनिया की राजनीतिक और आर्थिक आकांक्षाएं शामिल हैं और आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि वैश्विक भलायी की भावना का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अब बड़ा सोचता है और उच्च लक्ष्य रखता है।
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