- चीनी अधिकारियों ने लोगों को क्रिसमस पर घरों में रहने की सलाह दी है। युवाओं को खासतौर पर भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचने के लिए कहा गया है। बता दें कि चीन में क्रिसमस पारंपरिक रूप से नहीं मनाया जाता है।
- चीन में कोरोना के डर के चलते लोग ब्लड डोनेट नहीं कर रहे हैं। इससे ब्लड बैंक्स में खून की भारी कमी हो गई है। इसे लेकर रेड अलर्ट भी जारी किया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लड बैंक्स में सिर्फ 3 दिन का खून ही बचा है।
- चीन के शेनडोंग राज्य के किंगडाओ शहर के मेयर बो ताओ ने एक दिन में 5 लाख केस मिलने का दावा किया है। यहां की आबादी करीब 58 लाख है। हालांकि, चीनी सरकार ने पूरे शेनडोंग में सिर्फ 31 केस बताए
- चीन में फैल रहा BF.7 वैरिएंट भारत समेत दुनिया के 91 देशों में फैल गया है। स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, यह वैरिएंट पिछले दो सालों से है। हालांकि, यह खतरनाक अब हुआ है।
चीन के बाद जापान में सबसे ज्यादा कोरोना मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। कोरोना worldometers के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 1 लाख 73 हजार नए केस आए हैं। वहीं 315 लोगों की मौत हुई है।
जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां 8वीं लहर आ चुकी है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण बच्चों की मौत हो रही है। 8 महीने में 41 बच्चों की जान जा चुकी है। चीन में बिगड़ते हालात ने जापान की चिंता को बढ़ा दिया है।
France और साउथ कोरिया: 1.1 लाख नए केस, 221 मौतें
साउथ कोरिया और फ्रांस में पिछले 24 घंटों में कुल 1 लाख 11 हजार से ज्यादा नए केस मिले हैं। साउथ कोरिया में नए केसेस की संख्या 68 हजार 168 और फ्रांस में आंकड़ा 43 हजार 766 है। फ्रांस में 158 और साउथ कोरिया में 63 लोगों की जान गई है।
America: यहां XBB वैरिएंट के 18.3% केस
चीन में BF.7 कोरोना वैरिएंट की तरह ही अमेरिका में XBB वैरिएंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह भी ओमिक्रॉन का ही म्यूटेशन है। अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की मानें तो इस हफ्ते देश में आए 18.3% केस XBB वैरिएंट के हैं। पिछले हफ्ते यह आंकड़ा 11.2% था। सिंगापुर में भी इसी वैरिएंट के केसेस मिल रहे हैं।
चीन में ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट BF.7 फैल रहा है। Health Experts का कहना है कि ये ओमिक्रॉन का सबसे शक्तिशाली वैरिएंट है। BF.7 वैरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है, जिसका नाम है R346T। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वैरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता।
आसान शब्दों में कहें तो अगर किसी शख्स को पहले कोरोना हो चुका है या उसने वैक्सीन लगवाई है, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। BF.7 वैरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर शरीर में घुसने में सक्षम है।
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