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Maharasbtra Politics Eknath Shinde : बीएमसी में उद्धव ठाकरे की 25 साल की बादशाहत खत्म! एकनाथ शिंदे ने BMC वाले पार्टी ऑफिस पर भी हल्ला बोला

मुंबईमहाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बीच की सियासी जंग अपने चरम पर पहुंचती हुई नजर आ रही है।
एकनाथ शिंदे ने पहले उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ बगावत की। शिंदे ने पहले उनके 40 एमएलए (MLA) तोड़े और बारह सांसदों को अपने साथ मिलाया और धीरे-धीरे पार्टी पर कब्जा करने की मुहिम छेड़ दी। आलम यह है कि एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की ताकत को काफी सीमित कर दिया है। धीरे-धीरे ठाकरे गुट के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शिंदे गुट में शामिल होते हुए नजर आ रहे हैं। पार्टी के नाम और सिंबल को लेकर अभी भी उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच केंद्रीय चुनाव आयोग के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ा जा रहा है लेकिन संख्या बल के आधार पर खुद को असली शिवसेना (Shivsena) और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के नकली होने का दावा भी किया जा रहा है।

बात यहीं खत्म नहीं हुई एकनाथ शिंदे ने अब उद्धव ठाकरे गुट के सरकारी दफ्तरों पर भी कब्जा करना शुरू कर दिया है। सबसे पहले उन्होंने नागपुर विधानसभा में उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पास बरसो से मौजूद कार्यालय को अपने कब्जे में लिया। उसके बाद बुधवार की शाम देश की सबसे अमीर महानगरपालिका बीएमसी में दो दशकों से ज्यादा तक सत्ता मे काबिज रही शिवसेना के कार्यालय पर भी शिंदे गुट ने अपना कब्जा जमा लिया है।

शिवसेना के कार्यालय पर हमारा हक़

इस मामले में एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कृष्णा हेगड़े ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से कहा कि मौजूदा समय में हमारे साथ सबसे ज्यादा विधायक, सांसद, पदाधिकारी और कार्यकर्ता हैं। इसलिए संख्या बल के आधार पर विधानसभा में भी हमको हमारे हक का कार्यालय दे दिया गया है। उसी तरह से हमें बीएमसी में भी इसी संख्या बल के आधार पर अपने कार्यालय की जरूरत थी, जो हमें दिया गया है। वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि जब बीएमसी में फिलहाल किसी पार्टी की सत्ता नहीं है और वहां पर प्रशासक की नियुक्ति की गई है। तब फिर इस तरह से जबरन किसी दल के कार्यालय में घुसकर उस पर कब्जा करना सरासर गलत और अनैतिक है।

उन्होंने यह भी कहा कि जब यह मामला पार्टी चुनाव चिन्ह और सिंबल को लेकर सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग में विचाराधीन है तब ऐसा करना ठीक नहीं है। वहीं बीएमसी में बीजेपी के नेता विनोद मिश्रा ने कहा कि एकनाथ शिंदे गुट के साथ पूर्व पार्षदों और कार्यकर्ताओं का भारी समर्थन है। संख्या बल ज्यादा होने की वजह से यह उनका अधिकार है कि बीएमसी BMC में उन्हें कार्यालय दिया जाए।
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