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हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, महाराष्ट्र सरकार को बताया नपुंसक, कहा- समय पर लें एक्शन- 10 Points

Supreme Court on Hate Speeches: केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि हम हेट स्पीच के कितने मामलों की सुनवाई करेंगे. देश के लोग दूसरे लोगों व समुदायों को अपमानित नहीं करने का प्रण क्यों नहीं लेते

Image Credit Source: PTI

Supreme Court on Hate Speeches: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. केएम जोशेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए उसे नपुंसक करार दिया. पीठ ने कहा कि राज्य में हेट स्पीच की घटनाओं के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है. वह समय रहते कोई कार्रवाई नहीं करती, इसलिए राज्य में इस तरह की घटनाएं होती हैं

पीठ ने कहा कि राज्य में जिस समय ये घटनाएं होती हैं, उस समय नेता धर्म का इस्तेमाल करने लगते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि लोगों को खुद को संयमित रखने का दरकार है. सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणियां हेट स्पीच को रेगुलेट करने की मांग वाली एक अवमानना ​​​​याचिका पर सुनवाई के दौरान की. आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट ने और क्या क्या कहा…?

1) सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नफरती भाषणों को गंभीरता से लिया और कहा कि जिस वक्त राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे और नेता राजनीति में धर्म का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे तो हेट स्पीच जैसे मामले सामने नहीं आएंगे

2) Justic जोसेफ कहा कि कहा कि हेट स्पीच का मामला सब समाप्त हो जाएगा. ये उस समय होगा, जिस समय राजनीति और धर्म को अलग कर दिया जाएगा है. अगर राजनेता धर्म का इस्तेमाल बंद कर देंगे. ये सब बंद हो जाएगा.

3) सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर दिन लोग एक दूसरे को उसके धर्म को लेकर बयान दे रहे हैं. लोगों को खुद को संयमित रखना चाहिए. लोगों को दूसरे धर्मों का भी सम्मान करना चाहिए.

4) अवमानना ​​याचिका दायर करने वाले वकील निजाम पाशा ने अदालत से कहा कि महाराष्ट्र में हर दो दिन में एक हेट स्पीच की घटना होती है. देश के बाकी राज्यों में ऐसा नहीं होता, ऐसा केवल यहीं होता है.

5) अवमानना ​​याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र में पिछले 14 महीनों में कम से कम हेट स्पीच की 50 घटनाएं सामने आई हैं. ये वे घटनाएं हैं, जो समाचार पत्रों में दर्ज हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार इसके खिलाफ कुछ नहीं कर रही है.

6) पीठ ने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी के भाषणों का जिक्र किया. पीठ ने कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों के भाषणों को सुनने के लिए दूर दूर से लोग आते थे.

7) पीठ ने कहा कुछ टीवी चैनल पर हर दिन लोग एक दूसरे लोग व धर्मों को बदनाम कर रहे हैं. अदालत हेट स्पीच के कितने मामलों की सुनवाई करेगी. देश के लोग दूसरे लोगों व समुदायों को अपमानित नहीं करने का प्रण क्यों नहीं लेते

8) जस्टिस जोसेफ और जस्टिस नागरत्ना की पीठ ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर कोर्ट इन मामलों से कैसे और किस तरह निपटेगा. लोगों को संयम बरतने की आवश्यकता है. हम संयम बरते और दूसरे धर्म के खिलाफ कोई अप्रिय बातें नहीं कहें

9) सुनवाई के दौरान जस्टिस जोसफ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि ड्रामा मत करिए. शीर्ष अलादत ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि कहा कि इसको लेकर आप क्या कार्रवाई कर रहे हैं. इस पर जवाब दें. बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी.

10) सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के सामने केरल में डीएमके प्रवक्ता द्वारा एक खास समुदाय के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयान को रखा, जिसमें ब्राह्मणों के नरसंहार करने की बात कही गई थी. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि क्रिया की प्रतिक्रिया होती है.


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