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मुंबई- बीएमसी चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 10 अप्रैल तक के लिए टली

राज्य में बीएमसी चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब 10 अप्रैल तक के लिए टाल दी गई है और इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि ये चुनाव कब होंगे। 
महा विकास अघाड़ी सरकार का जनसंख्या वृद्धि के अनुमान पर वार्डों और नगरसेवकों की संख्या बढ़ाने का निर्णय और शिंदे-फडणवीस सरकार का इसे उलटने का निर्णय, राज्य सरकार का राज्य चुनाव आयोग के बजाय वार्ड गठन की शक्ति लेने का निर्णय, जैसे 92 नगरपालिकाओं में ओबीसी आरक्षण देना है या नहीं समेत कुछ मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लंबित हैं।

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश डॉ. धनंजय चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की तीन-न्यायाधीशों की पीठ के एजेंडे में याचिकाएं सूचीबद्ध थीं। हालांकि, मंगलवार को याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हुई क्योंकि प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ संविधान पीठ के कामकाज में व्यस्त थे।

आवेदकों की ओर से एड देवदत्त पालोडकर ने मुख्य न्यायाधीश से बुधवार को फिर से याचिकाओं पर सुनवाई करने का अनुरोध किया। सुनवाई अब 10 अप्रैल के लिए निर्धारित की गई है।

कोर्ट की सुनवाई में कई बार देरी हो चुकी है। इसलिए, भले ही अदालत 10 अप्रैल को अपना फैसला सुनाती है, लेकिन संदेह व्यक्त किया जाता है कि क्या राज्य चुनाव आयोग के लिए तत्काल आधार पर मई में चुनाव कराना संभव होगा।


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