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Indian Railways: क्या आपको पता है टीटीई और टीसी के बीच का अंतर? अगर नहीं, तो जान लीजिए आज

देश में एक बड़ी आबादी रोजाना ट्रेनों में सफर करती है। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए भारतीय रेलवे कई ट्रेनों का संचालन कर रहा है। 


भारतीय रेल नेवटर्क की गिनती दुनिया के विशालतम रेल नेटवर्कों में की जाती है। यह भारत के सीमांत इलाकों को बड़े-बड़े महानगरों के साथ जोड़ने का काम करती है। इसी वजह से भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन भी कहा जाता है। हालांकि, ट्रेनों में सफर करने से पहले हमको टिकट लेना जरूरी है। अगर आप बिना ट्रेन टिकट के भारतीय रेलवे में सफर करते हैं। इस स्थिति में आपके ऊपर कार्रवाई हो सकती है। आपकी ट्रेन टिकट को टीटीई चेक करता है। वहीं अक्सर लोग टीटीई और टीसी के बीच काफी कंफ्यूज रहते हैं। अगर आपको भी टीटीई और टीसी के बीच का अंतर नहीं पता है। ऐसे में यह खबर खास आपके लिए है। आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं....

टीटीई से तात्पर्य ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर से है। टीटीई का काम ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों की टिकट को चेक करना है। इनकी न्यूक्ति देश में चल रही प्रीमियम ट्रेनों से लेकर मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में की जाती है।

टीटीई का काम ट्रेन टिकट की जांच करने के अलावा अगर कोई यात्री बिना टिकट के यात्रा कर रहा है। ऐसे में उनसे जुर्माना वसूलना भी है। इनके पास यह अधिकार होता है कि अगर कोई यात्री कंफर्म रिजर्वेशन होने के बाद भी यात्रा नहीं कर रहा है। इस स्थिति में टीटीई उस सीट को आरएसी या वेटिंग लिस्ट वाले यात्री को अलॉट कर सकता है। वहीं टीसी से तात्पर्य टिकट कलेक्टर से है। टीटीई जहां ट्रेन के अंदर टिकटों की चेकिंग करता है।

वहीं टीसी प्लेटफॉर्म पर घूम रहे यात्रियों की टिकट को चेक करता है। टीसी की ड्यूटी प्लेटफॉर्म के अलावा निकास एवं प्रवेस द्वार पर भी लगाई जाती है। इनके पास यह अधिकार होता है कि अगर आपके पास प्लेटफॉर्म या ट्रेन टिकट नहीं है। इस स्थिति में यह आपसे जुर्माना वसूल सकते हैं।

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