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Islamabad Police: इमरान खान पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, बख्तरबंद वाहनों के साथ लाहौर पहुंची इस्लामाबाद पुलिस

इस्लामाबाद की एक कोर्ट ने पिछले साल यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक महिला मजिस्ट्रेट को धमकी देने के मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट पर मंगलवार को 16 मार्च तक रोक लगा दी.


पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान गिरफ्तार हो सकते हैं। लाहौर में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष (पीटीआई) इमरान के आवास के बाहर बख्तरबंद पुलिस वाहन पहुंच चुके हैं। इस बीच इस्लामाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के इरादे से वहां पहुंची है। पीटीआई कार्यकर्ता इमरान खान के आवास के बाहर इकट्ठा होने लगे हैं।

इससे पहले इस्लामाबाद की एक कोर्ट ने पिछले साल यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक महिला मजिस्ट्रेट को धमकी देने के मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट पर मंगलवार को 16 मार्च तक रोक लगा दी। अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी और इस्लामाबाद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए सोमवार को गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।


बीते दिन जारी हुए थे दो वारंट

इमरान खान के खिलाफ सोमवार को दो मामलों में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे। तोशाखाना मामले में कोर्ट के सामने पेश नहीं होने और पिछले साल एक जनसभा के दौरान महिला न्यायाधीश को कथित तौर पर धमकी देने के मामले में यह गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे। तोशाखाना मामले की सुनवाई कर रहे इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत के न्यायाधीश जफर इकबाल और न्यायाधीश को धमकी देने के मामले में वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश राणा मुजाहिद रहीम ने पुलिस को पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने को कहा था। कोर्ट ने तोशाखाना मामले में उन्हें 18 मार्च और जज को धमकी देने के मामले में इमरान को 21 मार्च को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था।


क्या है तोशाखाना मामला? 

दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है। 

कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं। 

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