Narcotics Control Bureau (एनसीबी) ने महाराष्ट्र, पंजाब और गुजरात से सात लोगों को गिरफ्तार कर एक अंतरराज्यीय मादक पदार्थ नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से कोडीन आधारित खांसी की दवाई (सीबीसीएस) की 3,195 बोतलें भी जब्त की हैं।
आरोपियों में गुजरात के सूरत शहर का एक डॉक्टर भी शामिल है।
एनसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि सिंडिकेट सक्रिय रूप से कुछ दवाओं के अवैध डायवर्जन में शामिल था, जो नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस एक्ट) के तहत आते हैं। उन्होंने कहा कि एनसीबी मुंबई जोनल यूनिट के अधिकारियों को मुंबई, ठाणे और आसपास के क्षेत्रों में अन्य दवाओं के साथ-साथ सीबीसीएस की बोतलों की अवैध बिक्री के बारे में जानकारी मिली थी। सूचना के आधार पर एनसीबी की टीम अलर्ट हो गई। एनसीबी के अधिकारियों की जांच में सामने आया कि दवाइयों की अवैध बिक्री में भिवंडी (ठाणे जिला) का एक व्यक्ति शामिल था, जो अवैध रूप से डायवर्ट की गई दवाओं की खेप खरीद रहा था और पेडलर्स को बेच रहा था
गुजरात से की जा रही थी खेप की आपूर्ति
एनसीबी के अधिकारियों ने उसके ठिकाने और तौर-तरीकों के बारे में जानकारी जुटाई। उन्होंने कहा कि उन्हें गुजरात के एक व्यक्ति के बारे में भी जानकारी मिली, जो भिवंडी स्थित आरोपी को खेप की आपूर्ति कर रहा था। उन्होंने कहा कि एनसीबी अधिकारियों ने भिवंडी में जाल बिछाया और सीबीसीएस की खेप ले जा रहे एक वाहन को रोका। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा दिखाए गए दस्तावेज नकली लगे और तलाशी लेने पर सीबीसीएस की 3195 बोतलों वाले 32 कार्टन बरामद किए गए।
गुजरात का एक डॉक्टर भी नेटवर्क में शामिल
एनसीबी ने सिंडिकेट के अन्य सदस्यों के साथ दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपियों में गुजरात का एक एमडी-चिकित्सक है। अधिकारी ने कहा कि चिकित्सक ने उत्तर भारत में विनिर्माण इकाइयों से ऐसी दवाओं की खरीद के लिए एक फर्म की स्थापना की थी।
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