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नकली एएटीएस सेल के नकली पुलिस वाले कर रहे थे वसूली

आबकारी विभाग के लिये मुखबरी करते हुए विभाग के बारे में अच्छी तरह से जानकारी लेने के बाद अपना छह लोगों का गैंग बनाकर शराब तस्करों से वसूली करने वाले फर्जी पुलिस वालों को बाहरी उत्तरी जिला की स्पेशल स्टॉफ ने गैंग का पर्दाफाश किया है।
आरोपी जब तस्करों से उगाही करते थे,उनको देखकर कोई नहीं कह पाता था कि ये नकली पुलिस वाले हैं या असली। आरोपियों की पहचान डिंपल पंचाल,सोनू साहनी,विनोद, मोहित,मुकेश और दीपक त्यागी के रूप में हुई है। जिनके कब्जे से सब इंस्पेक्टर का पहचान पत्र, एएसआई की वर्दी, दिल्ली पुलिस केस फाइल कवर, साल 2013 की पुलिस डायरी और वारदात में इस्तेमाल एक वैगन आर कार बरामद कर ली।

जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने बताया कि बीते 31 मार्च को एएटीएस को इस गैंग के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में आने की जानकारी मिली। इंस्पेक्टर सचिन मान की देखरेख में हवलदार सुरेश, सतीश, अतुल, संदीप यादव और संदीप मान को आरोपियों को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया। जिनको मौके पर ही गिरफ्तार कर वारदात में इस्तेमाल सामान भी जब्त कर लिया।

पूछताछ करने पर पता चला कि गैंग पहले आबकारी विभाग के लिये शराब तस्करों की मुखबरी करता था। उनको पता था कि विभाग किस तरह से तस्करों को घेराबंदी करके पकड़ा जाता है। उनसे किस तरह से बातचीत होती है। इसको देखकर आरोपियों ने छह दोस्तों ने मिलकर गैंग बनाया। नकली एएटीएस सेल बनाया। पुलिस की वर्दी खरीदी और पुलिस की फाइल और डायरी आदि का इंतजाम किया। गैंग समयपुर बादली, बवाना और नरेला औद्योगिक क्षेत्र में सक्रिय शराब तस्करों पर फर्जी मामले दर्ज करने की धमकी देकर उनसे उगाही करते थे।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डिंपल गैंग का सरगना है। पुलिस वारदात में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि डिंपल 12 वीं पास करने के बाद टूर एंड ट्रैवल्स का काम करने लगा। छोटे अंतराल के लिए फाइनेंसर का काम कर रहा था। उसके बाद वह आबकारी विभाग के लिए मुखबिरी करने लगा। डिंपल पर दुष्कर्म और अनाधिकार प्रवेश का मामला दर्ज है। सोनू साहनी सातवीं पास करने के बाद फैक्टरी में काम करने लगा। इस दौरान वह शराब तस्कर रमेश चीरा के संपर्क में आया और इसके लिए काम करने लगा। उसके खिलाफ शराब तस्करी के दो मामले दर्ज हैं।

उसने आबकारी विभाग के लिए मुखबिरी करने लगा। विनोद दसवीं पास है। वह अपने गांव में घरों के मरम्मत की सामग्री बेचता था। बाद में वह दीपक के साथ यूपी में शराब तस्करी करने लगा। उसके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज है। उसने कुछ साल तक फाइनेंसर का भी काम किया। मोहित स्नातक करने के बाद फाइनेंसर का काम करने लगा। उसके खिलाफ अपहरण का एक मामला दर्ज है।

वहीं मुकेश दसवीं पास है। उसने रोहिणी में प्रॉपर्टी डीलर के कार्यालय में काम करने लगा। बाद में खुद प्रॉपर्टी का कारोबार करने लगा। उसपर शस्त्र अधिनियम, चोट पहुंचाने, अपहरण, लूट और हत्या का प्रयास के छह मामले दर्ज हैं। दीपक त्यागी स्नातक करने के बाद पुणे के सिम्बायोसिस से एमबीए करने गया था। लेकिन 2 साल बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। उसके बाद उसने सेल्समैन का काम किया। वह अस्पतालों में सुपरवाइजर के रूप में भी काम किया। करीब तीन-चार महीने पहले उसने नौकरी छोड़ दी थी। उसके बाद वह इनके संपर्क में आकर उगाही करने लगा।

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