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Manipur News: चुराचांदपुर में धारा 144 लागू, पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवा निलंबित, कुछ जगह छिटपुट झड़प

 पुलिस का कहना है कि स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करके भीड़ को तितर-बितर कर दिया था, लेकिन आगजनी की घटना से कार्यक्रम स्थल को नुकसान पहुंचा है। बता दें, यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से करीब 63 किलोमीटर दूर न्यू लमका में हुई।

मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में गुरुवार रात हुई हिंसा के बाद शुक्रवार को भी हालात तनावपूर्ण रहे। हिंसा के बाद जिले में धारा 144 लगा दी गई है और पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है। वहीं, हिंसा के बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने चुराचांदपुर का अपना दौरा स्थगित कर दिया। जानकारी यह भी मिल रही है कि पेरजोल जिले में भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।


वहीं, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) द्वारा शुक्रवार को बुलाए गए आठ घंटे के 'बंद' के दौरान चुराचंदपुर जिले से किसी बड़ी घटना की सूचना नहीं है। हालांकि, कई जगहों से छिटपुट हिंसा की खबरें मिली हैं। लेकिन पुलिस ने किसी भी तरह की हिंसा से इनकार किया है। आईटीएलएफ के बंद के आह्वान के दौरान जिले में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया। बंद के दौरान दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। 


बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम को तुइबोंग, सिएलमत और न्यू लम्का इलाकों में स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं। शुक्रवार सुबह लोगों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। टायर भी जलाए गए। गौरतलब है कि चुराचांदपुर में गुरुवार रात को हिंसा हुई थी। भूमि सर्वेक्षण का विरोध कर रहे आदिवासियों ने सीएम बीरेन सिंह के दौरे से पहले कार्यक्रम स्थल में आग लगा दी थी। इस दौरान आदिवासियों की पुलिस से झड़प हो गई थी, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की थी।

पुलिस ने बताया था कि स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करके भीड़ को तितर-बितर कर दिया था, लेकिन आगजनी की घटना से कार्यक्रम स्थल को नुकसान पहुंचा है। बता दें, यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से करीब 63 किलोमीटर दूर न्यू लमका में हुई। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति हो गई है। पुलिस ने जिले में सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस ने कहा कि गुस्साई भीड़ ने न्यू लमका के पीटी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में नए स्थापित ओपन जिम को आंशिक रूप से आग के हवाले कर दिया, जिसका उद्घाटन बीरेन सिंह शुक्रवार को करने वाले थे। घटना पर प्रतिक्रिया प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एन बीरेन सिंह ने कहा कि अज्ञात बदमाशों द्वारा शरारत करना एक सामान्य बात है क्योंकि बदमाश हर जगह हैं।



स्वदेशी मंच ट्राइबल लीटर्स फोरम ने आरक्षित और संरक्षित वनों के सर्वेक्षण के खिलाफ बंद का आह्वान किया था। मंच ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने पवित्र गिरजाघरों को बिना कानूनी प्रक्रिया के गिरा दिया है। फोरम में एक बयान में कहा कि उसे सरकार और सरकारी कार्यक्रमों के साथ असहयोग अभियान चलाने के लिए मजबूर किया गया है। मंच ने दावा किया कि किसानों और अन्य आदिवासी निवासियों के आरक्षित वन क्षेत्रों को खाली करने के लिए चल रहे बेदखली अभियान का विरोध करते हुए बार-बार ज्ञापन सौंपने के बावजूद सरकार ने लोगों की दुर्दशा को दूर करने पर कोई ध्यान नहीं दिया।

कूकी छात्र संगठन (Kuki Students Organisation) भी मंच के आह्वान का समर्थन किया है और सरकार पर आदिवासियों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। कुकी छात्र संगठन ने धार्मिक स्थलों  के विध्वंस और आदिवासियों को अवैध रूप से बेदखल करने की निंदा की है।

बता दें, मणिपुर सरकार ने इस महीने की शुरुआत में तीन गिरजाघरों को ध्वस्त कर दिया था। सरकार ने दावा किया था कि अवैध रूप से गिरजाघरों का निर्माण किया गया था। इसके बाद एक स्थानीय संगठन ने मणिपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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