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देश में डेल्टा वेरिएंट के नए रूप ने दी दस्तक, क्या आने वाले दिनों में और कहर बरपाने वाला है कोरोना?

देश में डेल्टा वेरिएंट के नए रूप ने दी दस्तक, क्या आने वाले दिनों में और कहर बरपाने वाला है कोरोना?

जिस डेल्टा वेरिएंट ने देश में दूसरी लहर में बेहिसाब तबाही मचाई. मौत का तांडव किया था. उसी डेल्टा वेरिएंट के नए रूप ने देश में दस्तक दे दी है.

कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) देश में तो खत्म हो चुकी है लेकिन नई लहर कभी भी आ सकती है. ये कहकर हमारा मकसद आपको डराना नहीं है, बल्कि आगाह करना है. ताकि अगर आप या आपके आसपास लोग लापरवाही बरत रहे हों, मास्क नहीं लगा रहे हों, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हों. तो उन्हें रोकिए और टोकिए और इस वक्त जब फेस्टिव सीजन है. लोग त्योहारों की तैयारी और उसकी खुमारी में डूबे हों तब लापरवाही बरतना बहुत घातक हो सकता है.

क्योंकि बीते 55 दिन में ही डेल्टा वैरिएंट दोगुना हो चुका है और 11 गुना डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले बढ़े हैं. इनकी पुष्टि जीनोम सीक्वेसिंग के जरिये हुई है. एक्सपर्ट्स ने आगाह किया है कि जिस तरह 9 महीने पहले यानी होली के आसपास दूसरी लहर प्रचंड होना शुरू हुई थी. 9 महीने बाद अब दिवाली से ऐन पहले भी वैसे हालात बनते दिख रहे हैं. क्योंकि त्योहारों के चलते जमकर भीड़भाड़ हो रही है. वो कोरोना वायरस को नए सिरे से आक्रमण करने की ताकत दे सकती है क्योंकि देश में कोरोना के नए वेरिएंट की एंट्री हो चुकी है. जिसे डेल्टा प्लस AY.4.2 कहा जा रहा है.

क्या आने वाले दिनों में कोरोना और ज्यादा कहर बरपाने वाला है? इस सवाल को जन्म दिया है कोरोना के नए रूप ने जिसने आशंकाओं को और डरावना आकार दे दिया है. जिस डेल्टा वेरिएंट ने देश में दूसरी लहर में बेहिसाब तबाही मचाई. मौत का तांडव किया था. उसी डेल्टा वेरिएंट के नए रूप ने देश में दस्तक दे दी है. इसे संक्रमण के नए और घातक संस्करण की आहट माना जा रहा है क्योंकि वायरस का ये नया रूप डेल्टा वेरिएंट से कई गुना ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है.

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से सामने आए मामले

कोरोना के नए रूप को वैज्ञानिकों ने AY.4.2 नाम दिया है जिसे डेल्टा प्लस वेरिएंट भी कहा जा रहा है क्योंकि ये डेल्टा वेरिएंट का ही सब-लीनिएज है और डेल्टा वेरिएंट से 15% ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है.देश में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में इसके मामले सामने आए हैं.

हालांकि जीनोम सिक्वेंसिंग में अभी तक इस वेरिएंट के बहुत कम केस मिले हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इससे खतरा भी कम है. फेस्टिव सीजन में वायरस के नए वेरिएंट का डर क्यों ज्यादा है. इसका जवाब त्योहार की तैयारी और खुमारी में डूबी लापरवाह लोगों की भीड़ से देशकर मिल सकता है. ये लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है. इसका अंदाजा ब्रिटेन और रूस में आउट ऑफ कंट्रोल होते हालात को देखकर लगाया जा सकता है. वायरस के इसी नए रूप ने ब्रिटेन और रूस में संक्रमण का नया विस्फोट किया है. हालात विकट और विकराल होते जा रहे हैं

ब्रिटेन में पिछले सात दिनों के कोरोना संक्रमण के ग्राफ की बात करें तो 21 अक्टूबर को तो रोजाना नए मामलों की संख्या 51 हजार के पार पहुंच गई थी. हालांकि 25 अक्टूबर को ये 40 हजार के नीचे पहुंच गई.

आंकड़ों के लिहाज से तो ये थोड़ी राहत की बात है, लेकिन जमीनी हालात के हिसाब से नहीं. क्योंकि ब्रिटेन में 19 जुलाई से जिस तरह सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता को खत्म किया गया था. उसके बाद से लोगों ने आम जिंदगी शुरू कर दी थी. जिसका नतीजा सबके सामने है. कोरोना के नए रूप AY.4.2 की पहचान जुलाई में हुई थी और एक अनुमान के मुताबिक, ब्रिटेन में सामने आ रहे कोरोना के 80% मामलों के पीछे ये नया वेरिएंट ही है.

ब्रिटेन तक ही सीमित नहीं खतरा

कोरोना ने ब्रिटेन में बर्बादी का नया चैप्टर शुरू कर दिया है और ये खतरा सिर्फ ब्रिटेन तक ही सीमित नहीं है. कोरोना की नई और घातक लहर से रूस में हालात आउट ऑफ कंट्रोल हो चुके हैं. रूस में बीते 5 दिनों का कोरोना ग्राफ देखें, तो रूस में हर दिन 30 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं और हर दिन एक हजार से ज्यादा मौत हो रही हैं. ये आंकड़ा रूस में पिछली लहरों के पीक से भी ज्यादा है

रूस में हर दिन संक्रमण और मौत का रिकॉर्ड टूट रहा है और एक बार फिर लॉकडाउन लौटने लगा है. सेंट पीटर्सबर्ग में केस बढ़ने के बाद 30 अक्टूबर से 7 नवंबर तक लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. रूस के 10 परसेंट केस यहीं से मिल रहे हैं. जिसकी वजह वायरस का नया रूप AY.4.2 बताया जा रहा है.

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