राजस्थान के झुंझुनूं में सड़क हादसे में युवक की मौत के बाद परिजन और ग्रामीण पिछले 6 दिन से शव का अंतिम संस्कार किए बिना आंदोलन कर रहे थे. जब उनकी मांगों पर प्रशासन ने हामी भरी तब जाकर सातवें दिन यानी बुधवार को वे दाह संस्कार के लिए राजी हो गए.
राजस्थान के झुंझुनूं में सड़क हादसे में युवक की मौत के बाद परिजन और ग्रामीण पिछले 6 दिन से शव का अंतिम संस्कार किए बिना आंदोलन कर रहे थे. जब उनकी मांगों पर प्रशासन ने हामी भरी तब जाकर सातवें दिन यानी बुधवार को वे दाह संस्कार के लिए राजी हो गए. प्रदीप की मौत को परिजन साजिश बजाकर जांच की मांग कर रहे थे.
झुंझुनूं के मुकुंदगढ़ थाना इलाके के डूमरा गांव के प्रदीप मेघवाल की मौत के मामले में आज सुबह आंदोलनरत लोगों और पुलिस के बीच सहमति बन गई है. जिसके चलते सात दिन बाद अब प्रदीप मेघवाल का अंतिम संस्कार होगा. दो दिनों से कलेक्ट्रेट पर भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान आजाद के नेतृत्व में परिवार, ग्रामीण व कार्यकर्ताओं का धरना चल रहा था. आज सिटी डीएसपी लोकेंद्र दादरवाल की मौजूदगी में वार्ता हुई.
जिसमें सिटी डीएसपी ने आंदोलनकारियों को बताया कि जयपुर रेंज आईजी ने इस मामले की जांच को रेंज में कार्यरत डीएसपी को सौंप दी है. इसके अलावा इसी डीएसपी को इस मामले में मुकुंदगढ़ एसएचओ की भूमिका की जांच करने के आदेश दिए. दोनों आदेशों की प्रति आंदोलनकारियों को दी गई.
इसके बाद आंदोलनकारियों ने डूमरा सरपंच समेत अन्य लोगों पर थाने में दर्ज मामले को वापस लेने की मांग की. जिस पर भी पुलिस ने सहमति जताई. तीनों मांगे मानने के बाद धरना उठा लिया गया. साथ ही दाह संस्कार करने को भी परिवार के लोग राजी हो गए. गौरतलब है कि 8 दिसंबर को रात में डूंमरागांव में प्रदीप मेघवाल शराब के नशे में बैठा था. रात करीब 12 बजे एक बोलेरो की चपेट में आने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई. इधर 7 दिसंबर की रात को माया होटल में खाना खाते समय प्रदीप का कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था.
परिजनों का आरोप है कि आरोपी विकास कुमार व उसके साथियों ने इसी रंजिश के चलते गाड़ी से टक्कर मारकर प्रदीप की हत्या कर दी. प्रदीप की मौत के परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज कराया था. हादसे के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंपा पर उन्होंने लेने से इनकार कर दिया. परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए थे.