आव्हाड ने मध्य रेलवे को चेतावनी देते हुए कहा, "पहले इन लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें और फिर घरों को गिरा दें, नहीं तो हम उनके साथ खड़े होंगे।" वहीं सांसद श्रीकांत शिंदे ने भी रावसाहेब दानवे को ट्वीट कर कल्याण, डोंबिवली और कलवा में जारी नोटिस के बारे में पूछा है। इस संबंध में उन्होंने स्थानीय निकायों, राज्य सरकार और रेल प्रशासन की संयुक्त बैठक की मांग की है। रेलवे ने परवा इलाके की इमारतों और फ्लैटों को नोटिस जारी किया है।
वे जिस जगह रहते हैं वह सेंट्रल रेलवे की साइट है, जहां वे अवैध रूप से रह रहे हैं। नोटिस में कहा गया है कि इससे मध्य रेलवे(Central railway) की पटरियों को खतरा हो सकता है। इस बारे में पूछे जाने पर मध्य रेलवे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कार्रवाई की जा रही है।
मध्य रेलवे ने कहा कि न केवल मुंब्रा बल्कि सीएसटी, तुर्भे और कुर्ला क्षेत्रों में भी नोटिस जारी किए गए हैं। जितेंद्र आव्हाड के मुताबिक यह बस्ती पिछले 70 साल से है। मुंबई में भी लाखों लोग पटरियों के किनारे रहते हैं।लेकिन सवाल पूछा गया है कि उन्हें नोटिस क्यों जारी किए गए। बुधवार की देर रात जितेंद्र आव्हाड ने घटनास्थल का दौरा किया। इस बार लोगों ने उन्हें अपना दुखड़ा सुनाया। मुंबई और उसके आसपास रेलवे की कई जमीनें हैं जहां लोग अतिक्रमण कर अपना गुजारा कर रहे हैं। इस अतिक्रमण को हटाना और जमीन को फिर से हासिल करना एक बड़ी चुनौती है।