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बिना टीकाकरण वाले लोगों को भी लिए लोकल ट्रेनों, मॉल में मिलेगा प्रेवश ?

सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट( bombay high court) मे राज्य सरकार से कहा की " लोकल ट्रेन, मॉल, दफ्तरों में टीकाकरण पूरा कर चुके लोगों को ही प्रवेश करने का फैसला अब वापस लिया जाए। कोरोना काल में महाराष्ट्र सरकार द्वारा इतना अच्छा काम करने के बाद अब जब स्थिति नियंत्रण में है तो राज्य का नाम क्यों खराब किया जा रहा है" इसके अलावा, इस संबंध में राज्य के पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे द्वारा लिया गया निर्णय कानूनी नहीं था। हालांकि, मुंबई हाईकोर्ट ने राज्य के वर्तमान मुख्य सचिव देबाशीष चक्रवर्ती को मंगलवार तक 


अपनी भूमिका स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं हालांकि, जिन नागरिकों ने टीकाकरण पूरा नहीं किया है, उन्हें मुंबई लोकल में यात्रा करने की अनुमति देने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने मुंबई उच्च न्यायालय में दावा किया है कि सरकार ने नागरिकों के किसी भी अधिकार का उल्लंघन नहीं किया है क्योंकि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2006 की धारा 24 और अनुच्छेद 19 के अनुसार कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।


केवल दोनो वैक्सीन लेनेवालो को लोकल ट्रेन की यात्रा की है इजाजत

राज्य सरकार ने 10 और 11 अगस्त को फैसला किया है कि जो लोग कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके हैं, वे ही मुंबई में लोकल ट्रेन से यात्रा कर सकेंगे। हालांकि, राज्य सरकार का निर्णय मनमाना और भेदभावपूर्ण है और केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ है। अभिषेक मिश्रा के जरिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है जिसपर कोर्ट ने यह टिप्पणी दी है। वहीं दूसरी ओर सामाजिक कार्यकर्ता फिरोज मीठाबोरवाला ने राज्य सरकार के इसी फैसले को आपराधिक रिट याचिका में चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मकरंद कार्णिक की बेंच के सामने हो रहा है।

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