बढ़ती महंगाई, ईंधन की बढ़ती कीमतों की वजह से लिया फैसला
बढ़ती महंगाई, ईंधन की बढ़ती कीमतों से टैक्सी चालकों को परेशानी हो रही है। इसके अलावा टैक्सी चालकों का कहना है की कि पिछले सात से आठ महीनों में सीएनजी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के कारण टैक्सी चालकों के लिए कारोबार करना मुश्किल हो गया है। इसलिए टैक्सी चालकों और यूनियनों की मांग है कि सरकार इस पर तत्काल फैसला ले और टैक्सी चालकों को राहत दे।
मुंबई टैक्सीमैन यूनियन ने मांग की है कि पहले डेढ़ किलोमीटर के लिए टैक्सी का किराया बढ़ाकर 35 रुपये किया जाए। फिलहाल पहले डेढ़ किलोमीटर के लिए टैक्सी का किराया 25 रुपये है जिसमें टैक्सीमैन संघ ने 10 रुपये बढ़ाने की मांग की है।
सरकार ने खटवा समिति की सिफारिश के अनुसार टैक्सी चालकों के लिए किराया वृद्धि तय करने के लिए खटवा समिति नियुक्त की है जिसके आधार पर टैक्सी चालकों को किराया वृद्धि मिलती है।
रिक्शा के लिए बढ़ती ईंधन दरें, टैक्सी का किराया और बाद में प्रति किलोमीटर लागत, वाहन रखरखाव और मरम्मत की लागत, नए रिक्शा और टैक्सियों की लागत, वार्षिक मूल्यह्रास, वार्षिक बीमा, मोटर वाहन कर प्रति वर्ष, वार्षिक लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क, प्रति वर्ष लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क, आजीविका वार्षिक खर्च को ध्यान में रखते हुए किराये के फार्मूले के अनुसार दरें तय की जाती है।