सऊदी अरब (Saudi Arab) ने मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) के लिए धार्मिक यात्रा आसान बना दी है. हज (Hajj) वार्षिक धार्मिक यात्रा होती है जिसे किसी भी मुसलमान (Muslim) को अपने जीवन में कम से कम से एक बार करना होता है. इसे इस्लाम का पांचवा स्तंभ माना गया है. जबकि उमरा (Umrah) साल में किसी भी समय किया जा सकता है.
हज और उमरा सेवा के सलाहकार अहमद सालेह हलाबी ने कहा कि अब महिलाएं बिना मरहम के किसी विश्वस्नीय महिला या सुरक्षित साथी के संग हज या उमरा पर जा सकती हैं. यही मालिकी और शफी के जानकारों का विचार है." मिडिलईस्ट आई की खबर कहती है कि सऊदी ने ऐतिहासित फैसला लेते हुए महिलाओं को बिना "महरम" के हज और उमरा पर जाने देने की अनुमति दी है. सोमवार को की गई यह घोषणा पूरी दुनिया से आने वाले हाजियों पर लागू होगी.
इस घोषणा से सऊदी अरब में लागू दशकों पुराना कानून खत्म हो गया है. हालांकि पहले भी बड़े समूह में हज या उमरा करने आने वाली महिलाओं को छूट दी जाती रही है.
इस घोषणा के समय बताया गया कि मिस्त्र में अल-अज़हर अल शरीफ में मौजूद फतवा के सुपरवाइज़र अब्बास शोमैन ने पिछले मार्च में यह घोषणा की थी कि महिलाएं बिना किसी महरम के हज या उमरा जा सकती हैं. हज वार्षिक धार्मिक यात्रा होती है जिसे किसी भी मुसलमान को अपने जीवन में कम से कम से एक बार करना होता है. इसे इस्लाम का पांचवा स्तंभ माना गया है. जबकि उमरा साल में किसी भी समय किया जा सकता है और इसकी अहमियत मुसलमानों के लिए हज से थोड़ा कम होती है.