Bhopal : मध्य पदेश के मुरैना के रहने वाले एक युवक की मौत को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
जानकारी के अनुसार मुरैना के गड़ौरा का रहने वाला आकाश गुर्जर अग्निवीर भर्ती में हिस्सा लेने के लिए आगरा अपने चचेरे भाई के पास पहुंचा था. वहीं पुलिस की तरफ से रेत माफियाओं के खिलाफ हुए एक कथित मुठभेड़ में उसे गोली लग गई और उसके ऊपर पुलिस की तरफ से कई धाराओं में केस दर्ज किए गए हैं. 48 दिन तक अस्पताल में गोलियों से लगे जख्मों से जूझने के बाद अंतत: आकाश ने दम तोड़ दिया.
पूरे मामले पर परिवार वालों का कहना है कि सुबह 6.30 बजे आगरा से पहले कुर्रा तिराहे के पास आकाश पेशाब करने के लिए उतरा था. इतने में कुछ पुलिस वाले सिविल ड्रेस में आए और उसे गोली मार दी. तीन में से दो गोली जांघ पर और एक पेट पर लगी थी. 48 दिन तक वो अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ता रहा. आकाश की मां ममता गुर्जर ने कहा कि आकाश बाथरूम करने उतरा, पुलिस आई सिविल ड्रेस में गोली मार दी. आकाश की मां ने आगरा कोर्ट में केस दर्ज कर एनकाउंटर फर्जी बताया है. साथ ही घटना की जांच की मांग की है. कोर्ट ने मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.
आकाश के मामले में जिरह कर रहे वकील भारतेन्द्र सिंह ने कहा है कि न्यायालय ने हमारे पक्ष को माना है, सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग के निर्देशों को माना है. इसमें जांच हो इंडिपेंडेंट एजेंसी जांच करेगी.
जहां पुलिस का कहना है कि मृतक आकाश घटना के दिन रेत माफियाओं के लिए टैक्टर चला रहा था वहीं परिजनों ने दावा किया है कि मृतक को ट्रैक्टर चलाना नहीं आता है. वहीं उस बस ड्राइवर ने भी पुष्टि की है कि आकाश उस बस में बैठकर मुरैना से आगरा आया था. ऐसे ट्रैक्टर चलाकर पुलिसवालों को रौंदने की कोशिश वाली थ्योरी पर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.