सीएम अशोक गहलोत के वीरांगानाओं के रिश्तेदारों को नौकरी नहीं देने की बात को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे लोग शहीद हुए हैं, तो नौकरी हम जिसे चाहें उसे मिलनी चाहिए, सीएम गहलोत नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं।
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए राजस्थान के जवानों की वीरांगनाएं जयपुर में सचिन पायलट घर के बाहर धरने पर बैठी हुई हैं। गुरुवार को एक बार फिर इन वीरांगनाओं ने सीएम गहलोत के आवास की ओर कूच किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें राजभवन चौराहे पर ही रोक लिया। आगे जाने और सीएम गहलोत से मिलने की बात को लेकर पुलिस और वीरांगनाओं के बीच एक बार फिर तीखी नोकझोंक हुई।
प्रदर्शन के दौरान शहीद की वीरांगना सुंदरी देवी की तबीयत बिगड़ गई, सूचना पर 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची, लेकिन सुंदरी देवी ने अस्पताल जाने और इलाज कराने से मना कर दिया। इसके बाद वीरांगनाएं एक बार फिर पायलट के घर के बाहर आकर धरने पर बैठ गईं। सीएम गहलोत से मुलाकात नहीं होने और अपनी मांगों को लेकर वीरांगनाओं ने कहा कि अगर हमें कुछ भी हो गया तो सरकार को बड़ी मुश्किल में आ जाएगी।
इधर, सीएम अशोक गहलोत के वीरांगानाओं के रिश्तेदारों को नौकरी नहीं देने की बात को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे लोग शहीद हुए हैं, तो नौकरी हम जिसे चाहें उसे मिलनी चाहिए, सीएम गहलोत नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं।
वीरांगनाओं के साथ धरने पर बैठे भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ना तो कांग्रेस अध्यक्ष की सुन रहे हैं और ना ही रक्षामंत्री की बात सुन रहे हैं। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी वीरांगनाओं की मांगों को लेकर चिट्ठी लिखी है, लेकिन सीएम गहलोत कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। वे अपनी बात पर अड़े हुए हैं, देश में सबसे बड़े हो गए है।