World Boxing Championships: निकहत ज़रीन पहले दौर में हावी थीं, लेकिन गुयेन थी ताम ने दूसरे दौर में अच्छी वापसी की. तीसरे राउंड में निकहत ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया और आखिरकार सर्वसम्मती से हुए फैसले से मुकाबला अपने नाम किया.
निखत जरी विश्व चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक अपने नाम करने वाली केवल दूसरी भारतीय महिला मुक्केबाज बन गई हैं। निखत ने रविवार को सोने के साथ यहां इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के केडी जाधव हाल में आयोजित महिंद्रा आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप का शानदार समापन किया।
अपने नाम के अनुरूप औऱ लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए निखत (50 किग्रा) ने दो बार की एशियाई चैंपियन वियतनाम की गुयेन थी टैम के खिलाफ अपने आक्रामक प्रदर्शन के साथ मुकाबले को आगे बढ़ाया और 5-0 से एकतरफा अंदाज में शानदार जीत हासिल करने में सफल रहीं। मौजूदा विश्व चैंपियन निखत ने शुरुआत से ही सटीक मुक्के मारकर और वियतनामी के हमलों को चकमा देने के लिए अपने तेज फुटवर्क का इस्तेमाल करके बाउट में अपना दबदबा कायम रखा।
𝐓𝐇𝐈𝐑𝐃 𝐆𝐎𝐋𝐃 🥇 𝐅𝐎𝐑 𝐈𝐍𝐃𝐈𝐀 🇮🇳
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) March 26, 2023
NIKHAT ZAREEN beat Nguyen Thi Tam of Vietnam by 5⃣-0⃣ in the 𝐅𝐈𝐍𝐀𝐋 🥊#WorldChampionships #WWCHDelhi #Boxing #WBC2023 #WBC @nikhat_zareen #NikhatZareen pic.twitter.com/EjktqCP4pi
तेलंगाना निवासी निखत ने पहले राउंड में शानदार प्रदर्शन किया और 5-0 की स्कोरलाइन के साथ आगे रहीं। गुयेन ने हालांकि दूसरे राउंड में शानदार वापसी की और 3-2 स्कोरलाइन के साथ मुकाबले को रोचक बनाए रखा। अंतिम राउंड में निखत ने अपना संयम बनाए रखा और एक सनसनीखेज आक्रामक प्रदर्शन के साथ यह साबित कर दिया कि क्यों वह इस खेल में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक है। और इस तरह निखत सभी जजों को प्रभावित करते हुए एकतरफा अंदाज में जीत हासिल करने में सफल रहीं।
इस जीत के साथ, निखत भारत की महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की बराबरी पर आ गई हैं। मैरी कॉम ने भी विश्व चैंपियनशिप में लगातार दो स्वर्ण जीता है। मैरी ने हालांकि इस वैश्विक प्रतियोगिता में रिकॉर्ड छह स्वर्ण पदक जीते हैं।
निखत ने दूसरा स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा, “मैं दूसरी बार विश्व चैंपियन बनकर बेहद खुश हूं, खासकर एक अलग वेट कटेगरी में। पूरे टूर्नामेंट में आज का मुकाबला मेरा सबसे कठिन मुकाबला था और चूंकि यह टूर्नामेंट का आखिरी मैच था इसलिए मैं अपनी ऊर्जा का पूरी तरह से उपयोग करना चाहती थी और सब कुछ रिंग में छोड़ देना चाहती थी। यह बाउट का एक रोलर कोस्टर था, जिसमें हम दोनों को चेतावनी के साथ-साथ आठ काउंट भी मिले और यह बहुत करीबी मुकाबला था। अंतिम राउंड में मेरी रणनीति थी कि मैं पूरी ताकत से आक्रमण करूं और जब विजेता के रूप में मेरा हाथ उठा तो मुझे बहुत खुशी हुई। यह पदक मेरे देश और उन सभी के लिए है जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में हमारा समर्थन और हमारी हौसला अफजाई की है।"
इस साल के टूर्नामेंट के लिए फ्लाइवेट से लाइट फ्लाईवेट में शिफ्ट करने के बावजूद तेलंगाना की इस 26 वर्षीय मुक्केबाज ने अपने नए भार वर्ग में बहुत अच्छी तरह से एडजस्ट किया और पूरे टूर्नामेंट में उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन किया। उन्होंने उल्लेखनीय रूप से शीर्ष वरीयता प्राप्त अल्जीरिया की अफ्रीकी चैंपियन रौमेसा बौआलम, दो बार की विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता थाईलैंड की चुथमत रक्सत और रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता कोलंबिया की इंग्रिट वेलेंसिया के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन कर जीत हासिल की।
निखत की जीत पर टिप्पणी करते हुए भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, "निखत को लगातार दूसरे वर्ष विश्व चैंपियन बनने पर बधाई। मुझे यकीन है कि वह देश भर की युवा लड़कियों के लिए देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने का एक चमकदार उदाहरण बनेंगी। वह आने वाले वर्षों के लिए चैंपियन बनने जा रही है और हम निश्चित रूप से 2024 में यहां से ओलंपिक पदक की उम्मीद करते हुए दिखाई दे रहे हैं।”
निखत की जीत के साथ भारत ने इस साल विश्व चैंपियनशिप में ती स्वर्ण पदक जीत लिए हेँ। इससे पहले 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता नीतू घणघस (48 किग्रा) और तीन बार की एशियाई पदक विजेता स्वीटी बूरा (81 किग्रा) ने भी शनिवार को अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीता था।
आज ही रात टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोर्गोहेन भारत के लिए चौथा स्वर्ण पदक जीतना चाहेंगी। वह दो बार की राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन पार्कर के खिलाफ फाइनल मुकाबले के लिए रिंग में उतरेंगी।
इससे पहले रविवार को ही 54 किग्रा भार वर्ग में, टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता चीनी ताइपे की हुआंग सियाओ-वेन ने कोलंबिया की एरियस कास्टानेडा येनी मार्सेला को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियनशिप में अपना दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया।
20 करोड़ रुपये के विशाल पुरस्कार पूल के साथ इस प्रतिष्ठित वैश्विक इवेंट में 12 भार वर्गों में 65 देशों की कई ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाजों सहित 324 मुक्केबाजों ने भाग लिया।