मुंबई में पैदल चलना सबसे खतरनाक है। शहर में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा शिकार सड़कों पर पैदल चलने वाले लोग होते हैं। 2013 से 2021 के बीच शहर में सड़क हादसों में 4514 लोगों की मौत हुई है इनमें से आधे से अधिक पैदल यात्री हैं।
मुंबई यातायात पुलिस ने दी जानकारी
इसके बाद दुपहिया चालक और दुपहिए पर पीछे बैठे लोग हादसों में सर्वाधिक मौत का शिकार बने हैं। मुंबई यातायात पुलिस ने आरटीआई के उत्तर में यह जानकारी दी। 2013 से 2021 की अवधि के दौरान मरने वालों में 3780 पुरुष और 734 महिलाएं हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि मरने वालों में से आधे से अधिक (2326 मौतें) पैदल यात्री हैं।
वाहनों में दुपहिया पर सबसे ज्यादा जोखिम
Two wheeler की सवारी सड़क पर दूसरा बड़ा खतरा है। शहर में इस अवधि में 1142 (25 प्रतिशत) दुपहिया चालकों की मौतें हुई हैं और दुपहिए पर पीछे सवार 493 लोग भी मौत का शिकार हुए। चौपहिया वाहन चलाने वाले 190 लोग मारे गए, जबकि 111 चौपहिया वाहन पर सवार अन्य लोग मौत के ग्रास में समा गए। इतना ही नहीं 58 साइकिल चालक, 39 सफाई कर्मी और 32 सड़क किनारे सोए हुए लोग भी हादसों के शिकार होकर जान गंवा बैठे।
अगर दुर्घटनाओं की बात की जाए तो इस अवधि में मुंबई में 86276 सड़क दुर्घटनाएं हुईं और इनमें 16835 लोग गंभीर रूप से और 10140 लोग मामूली रूप से घायल हुए।
फुटपाथों पर अतिक्रमण और वाहन चालकों की लापरवाही पैदल चलने वालों की जान पर भारी
दुर्घटनाओं के इन आंकड़ों पर परिवहन विशेषज्ञ जितेंद्र गुप्ता का कहना है कि अव्वल तो सड़कों फुटपाथ होते ही नहीं हैं और यदि फुटपाथ हों तो खुदाई, फेरीवालों-दुकानदारों के अतिक्रमण, पार्किंग, बस स्टॉप आदि कारणों से फुटपाथ पर चलना संभव नहीं होता है। इसके अलावा वाहन चालक भी गाड़ी चलाते समय पैदल यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में नहीं रखते हैं। हालांकि कई बार पैदलयात्री भी वाहनों पर ध्यान नहीं देते और मोबाइल में खोए रहते हैं।
2013 से 2021 तक हादसों का गणित
कुल मौतें - 4514 (3780 पुरुष और 734 महिलाएं)
पैदल यात्रियों की मौत - 2326
दुपहिया चालकों की मौत - 1142
दुपहिया पर अन्य सवार की मौत - 493
Four Wheeler चालकों की मौत - 190