मीडिया सेक्टर और ट्विटर के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. एलन मस्क के मालिकाना हक वाले माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने ANI का ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट हटा दिया है. इंडिया की दिग्गज न्यूज एजेंसी के अकउंट पर आज ये बड़ी कार्रवाई की गई है. इससे पहले भी ट्विटर ने बीबीसी के अकाउंट पर कार्रवाई की थी. कंपनी ने सरकार की डिमांड पर बीबीसी पंजाबी का ट्विटर अकाउंट ब्लॉक किया था. हालांकि, एएनआई का मामला थोड़ा अलग है. ट्विटर ने एएनआई का ऑफिशियल अकाउंट हटाने के पीछे दिलचस्प कारण बताया है
एएनआई की एडिटर स्मिता प्रकाश ने भी इस मामले में ट्वीट किया है. एलन मस्क की कंपनी ने एएनआई को अकाउंट रिमूव करने का ईमेल भी भेजा है. स्मिता ने इस ईमेल का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर किया है. आइए जानते हैं कि ट्विटर द्वारा भेजे गए ईमेल में क्या कारण बताया गया है.
इसलिए हटाया ANI का अकाउंट
ANI को भेजे ईमेल में ट्विटर ने कहा कि एएनआई का अकाउंट उसकी पॉलिसी का उल्लंघन करता है. इसलिए कंपनी ने ऑफिशियल अकाउंट को लॉक किया है. ट्विटर ने कहा कि ट्विटर अकाउंट बनाने के लिए कम से कम 13 साल का होना जरूरी है. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने बताया कि एएनआई के अकाउंट में उम्र की रिक्वायरमेंट का ध्यान नहीं रखा गया है.
इसलिए कंपनी ने एएनआई का अकाउंट लॉक करके ट्विटर से हटा दिया है.स्मिता ने बताया कि ANI के अकाउंट पर 76 लाख फॉलोवर्स थे.
अकाउंट बहाल करने के लिए लगाई गुहारSo those who follow @ANI bad news, @Twitter has locked out India’s largest news agency which has 7.6 million followers and sent this mail - under 13 years of age! Our gold tick was taken away, substituted with blue tick and now locked out. @elonmusk pic.twitter.com/sm8e765zr4
— Smita Prakash (@smitaprakash) April 29, 2023
स्मिता प्रकाश ने एएनआई का अकाउंट रीस्टोर करने के लिए ट्विटर से गुहार भी लगाई है. उन्होंने कहा कि हम (एएनआई) 13 साल से कम उम्र के नहीं है. स्मिता ने बताया कि ट्विटर ने पहले एएनआई का गोल्ड चेकमार्क हटाकर ब्लू टिक कर दिया. अब सीधे अकाउंट ही हटा दिया गया है.
50 साल से ज्यादा पुराना है ANI
एएनआई की स्थापना हुए 50 साल से भी ज्यादा हो गए हैं. मीडिया कंपनी का दावा है कि इंडिया में उसके पास 100 से भी ज्यादा ब्यूरो हैं. दूसरी तरफ, हाल ही में देखा गया कि ट्विटर के मालिक एलन मस्क दुनिया भर की मीडिया कंपनी के पीछे पड़े हैं. पहले उन्होंने द न्यूयॉर्क टाइम्स का ब्लू टिक हटाया. इसके बाद बीबीसी समेत कई न्यूज कंपनियों के ट्विटर लेबल पर सरकारी मीडिया लिख दिया.
मीडिया हाउस ने इस कदम का कड़ विरोध किया. हालांकि, ट्विटर ने बाद में सभी विवादास्पद लेबल हटा दिए.