उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक प्राइवेट स्कूल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हंगामा मच गया। इस वीडियो में टीचर और बच्चे दिखाई दे रहे हैं जिसमें शिक्षिका द्वारा एक मुस्लिम छात्र को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मारने को कहा जा रहा है।
वीडियो सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है और अब प्रशासन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। वहीं, वीडियो को लेकर पत्रकार, ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
यूपी पुलिस ने पत्रकार के खिलाफ शिकायत दर्ज की है और अब उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई के इरादे में है। दरअसल, जुबैर ने इस मुद्दे को लेकर ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने पीड़ित छात्र को थप्पड़ मारने वाले छात्र की पहचान उजागर कर दी।
नाबालिग की पहचान उजागर करना और एक संवेदनशील मामले में ये कानूनी रूप से गलत है और इस मामले में पुलिस ने जुबैर को आरोपी बनाया है।
जुबैर ने थप्पड़ मारने की घटना का वीडियो अपने एक्स अकाउंट पर शेयर किया है जिसमें पीड़ित छात्र, एक मुस्लिम और उसे थप्पड़ मारने वाले अन्य लोगों की स्पष्ट तस्वीरें दिखाई दे रही हैं।
उन्होंने दावा किया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो वायरल होने के बाद ही मुजफ्फरनगर पुलिस ने कार्रवाई की। मोहम्मद जुबैर ने बच्चे के पिता से भी बात की और फिर पोस्ट किया कि पिता ने अदालत के समन से बचने के लिए शिकायत दर्ज करके मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया।
वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने लोगों से नाबालिग की पहचान साझा करने से परहेज करने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पहले एक वीडियो साझा करके लोगों से लड़के की पहचान उजागर न करने का आग्रह किया था, जिसमें एक शिक्षिका अपने छात्रों से उसे थप्पड़ मारने के लिए कहती हुई दिखाई दे रही है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि मामले में कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि सभी से अनुरोध है कि बच्चे का वीडियो शेयर न करें, ऐसी घटनाओं की जानकारी ईमेल से दें, बच्चों की पहचान उजागर कर अपराध का हिस्सा न बनें।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, मोहम्मद जुबैर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि उन्होंने घटना का वीडियो हटा दिया क्योंकि एनसीपीसीआर ने लोगों से वीडियो हटाने का आग्रह किया था। जुबैर ने 25 अगस्त के एक पोस्ट में कहा, "वीडियो हटा दिया गया क्योंकि NCPCR चाहता था कि लोग वीडियो हटा दें।"
हालांकि, उनके द्वारा नाबालिग बच्चे की पहचान उजागर करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को लेकर पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है, भले ही बाद में उन्होंने वीडियो हटा दिया।
वायरल वीडियो में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक निजी स्कूल के शिक्षक को कक्षा 2 के छात्रों से मुस्लिम समुदाय के अपने सहपाठी को थप्पड़ मारने के लिए कहते हुए दिखाया गया है। उन्हें समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए भी सुना गया है।
टीचर द्वारा बच्चे के समुदाय पर विवादित टिप्पणी की गई है जो कि वीडियो में सुनाई दे रहा है। इसी घटना का वीडियो एक शख्स ने अपने कैमरे में कैद कर लिए जिसे व्यापक रूप से सोशल मीडिया पर शेयर किया गया। वीडियो सामने आने के बाद महिला शिक्षिका के खिलाफ लोगों ने कार्रवाई की मांग की।
यूपी सरकार ने मामले का संज्ञान लेते हुए फौरन टीचर के खिलाफ जांच बिठा दी है। वहीं, स्कूल को भी जांच पूरी होने तक बंद कर दिया है।
बता दें कि पीड़ित बच्चे के पिता की मांग है कि उन्हें इस मामले में न्याय दिया जाए क्योंकि उनके बच्चे के साथ गलत हुआ है। उनका कहना है कि बच्चे को बेरहमी से मारा गया और वह काफी डर गया है।