दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने गिरफ्तार कर लिया है. गुरुवार देर शाम ईडी की टीम भारी फोर्स के साथ केजरीवाल के घर पहुंची थी. यहां तलाशी और पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.
यह पहला ऐसा मामला है कोई मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए गिरफ्तार हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है कि अब दिल्ली में आम आमदी पार्टी की सरकार का क्या होगा. यानी कौन सरकार चलाएगा. इसको लेकर आम आमदी पार्टी का स्पष्ट स्टैंड है कि अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे. यानी वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे.
दरअसल, 2 नवंबर से 21 मार्च के बीच ED ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए 9 समन भेजे थे. लेकिन केजरीवाल कोई ना कोई बहाना बनाकर ED के सामने पेश नहीं हो रहे थे. वहीं जब उन्हें 9वां समन मिला तो वह इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे.उनके द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की गई थी कि अगर वह पूछताछ के लिए ED के सामने पेश होते हैं तो उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा दी जाए. हालांकि हाईकोर्ट से केजरीवाल को राहत नहीं मिली. अब गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है.
अब इस सवाल पर आते हैं कि क्या गिरफ्तारी के बाद अब अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चला सकते हैं? और क्या वो अब भी मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं? देश में ऐसा कोई कानून नहीं है, जो किसी पार्टी और मुख्यमंत्री को जेल से सरकार चलाने से रोकता हो. भारत के संविधान में भी इस पर स्थिति को स्पष्ट नहीं किया गया है. कानून में ये बताया गया है कि दोषी साबित होने से पहले कोई भी नेता जेल में रहते हुए मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक बने रह सकता है और जेल से ही सरकार को भी चला भी सकता है.
और इस हिसाब से अभी अरविंद केजरीवाल को जेल से दिल्ली की सरकार चलाने में कानूनी रूप से कोई परेशानी नहीं होगी.