गणेशोत्सव से पहले मुंबई-गोवा राजमार्ग और मुंबई-नासिक राजमार्ग हो सकते है गड्ढा मुक्त
मुंबई-गोवा राजमार्ग और मुंबई-नासिक राजमार्ग पर गड्ढों के कारण होने वाले ट्रैफिक जाम से बचने के लिए जिला प्रशासन को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ समन्वय में काम करना चाहिए। साथ ही, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निर्देश दिया कि दोनों राजमार्गों पर बाईपास और सर्विस रोड को मजबूत करके गणेशोत्सव से पहले मुंबई-गोवा राजमार्ग और मुंबई-नासिक राजमार्ग को गड्ढा मुक्त किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान यह भी घोषणा की कि वह 10 अगस्त के बाद दोनों राजमार्गों के कार्यों का निरीक्षण करने जायेंगे। (Mumbai-Goa Highway and Mumbai-Nashik Highway may be pothole-free before Ganeshotsav)
मुंबई-गोवा राजमार्ग और मुंबई-नासिक राजमार्ग की वर्तमान स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सह्याद्रि गेस्ट हाउस में बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक मे स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, बंदरगाह, खेल और युवा कल्याण मंत्री संजय बनसोडे, विधायक किशोर दराडे, भरत गोगवले, पूर्व सांसद ब्रिगेडियर सुधीर सावंत, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएस चहल, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा म्हैसकर, मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के श्रीवास्तव एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि गणेशोत्सव के दौरान लाखों लोग मुंबई-गोवा हाईवे से कोंकण जाते हैंष इस दौरान उनकी यात्रा सुखद और सुरक्षित होनी चाहिए। इसके लिए गणेशोत्सव से पहले इस मार्ग पर भारी ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्ग पर डायवर्ट किया जाना चाहिए।
यातायात को गति देने के लिए मुंबई-गोवा राजमार्ग को यथासंभव चौड़ा करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। हाईवे पर आवश्यक स्थानों पर रिफ्लेक्टर लगाए जाएं, मुंबई-पुणे एक्सप्रेस लाइन पर परशुराम घाट पर सुरक्षा जाल लगाए जाएं, जहां दरारें पड़ने का खतरा रहता है। मुख्यमंत्री ने जिस क्षेत्र में सड़क का काम पूरा हो चुका है, वहां से निर्माण सामग्री हटाकर सड़क साफ करने का निर्देश दिया।
साथ ही, गणेशोत्सव के दौरान मानगांव, इंदापुर में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए पुलिस प्रशासन को विशेष ध्यान रखना चाहिए। गणेश भक्तों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि राजमार्ग पर प्रत्येक 10 किमी पर चिकित्सा सहायता कक्ष और वाहन मरम्मत सुविधाओं की व्यवस्था की जानी चाहिए।