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महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए मध्य रेलवे ने उठाए कई कदम

महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए मध्य रेलवे ने उठाए कई कदम

मध्य रेलवे के मुंबई मंडल ने महिला यात्रियों की सुरक्षा, संरक्षा और स्वच्छता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला ने कहा की, "महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए कई नई पहल लागू की गई हैं।" ( Central Railway has taken several steps for the safety of women passengers)


उन्होंने कहा की "महिला यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए, महिला रेलवे सुरक्षा बल (RPF) जवानों की एक विशेष टुकड़ी तैनात की गई है। इन कर्मियों को रेलवे ट्रेनों के महिला कोचों की निगरानी के लिए विभिन्न प्लेटफार्मों पर तैनात किया गया है, ताकि अनधिकृत व्यक्ति इन कोचों में प्रवेश न कर सकें, ''इससे महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाए रखने में मदद मिलेगी"


इसके अलावा,आरपीएफ कर्मी अब प्रतिदिन 36 लंबी दूरी की ट्रेनों के साथ-साथ लगभग 20 उपनगरीय ट्रेन सेवाओं के लिए तैनात हैं। साथ ही यात्रियों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए महिलाओं और उनके सामान पर खास फोकस किया जा रहा है। 11 उपनगरीय सेवाओं के लिए एक समर्पित एस्कॉर्ट सेवा भी शुरू की गई है। जिसमें चार महिला स्पेशल ट्रेनें शामिल हैं।


सरकारी रेलवे पुलिस अब महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए देर रात 131 उपनगरीय सेवाओं को एस्कॉर्ट कर रही है। रात में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। डॉ स्वप्निल नीला ने कहा कि अपराधों को रोकने और जांच करने के लिए विशेष रूप से सात उपनगरीय स्टेशनों पर अपराध रोकथाम और जांच दस्ते (सीपीडीएस) को तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न चौकियों पर यात्रियों के सामान की चोरी (पीएलटी) का पता लगाने के लिए 10 विशेष टीमों का गठन किया गया है।


इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति में त्वरित संचार और प्रतिक्रिया के लिए मुंबई लोकल ट्रेनों के 645 महिला डिब्बों में इमरजेंसी टॉक बैक (ईटीबी) प्रणाली स्थापित की गई है। एक अधिकारी ने कहा, "सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए उपनगरीय रेक के 693 महिला कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।"

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