आशा स्वयंसेवकों और समूह प्रमोटरों के लिए ग्रेच्युटी अनुदान लागू
आशा स्वयंसेवकों एवं समूह प्रवर्तकों के कार्य की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए अपने कर्तव्य पालन के दौरान आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये एवं स्थायी विकलांगता की स्थिति में रू 5 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रो. डॉ तानाजी सावंत की ओर से लगातार किया जा रहा फॉलोअप सफल रहा है और इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। इस फैसले को 1 अप्रैल 2024 से लागू करने की मंजूरी दे दी गई है। (Gratuity grant applicable for Asha volunteers and group promoters)
आशा स्वयंसेवकों और समूह प्रमोटरों को अनुदान सहायता के कार्यान्वयन के लिए प्रति वर्ष अनुमानित 1.05 करोड़ रुपये की आवर्ती धनराशि स्वीकृत की गई है। इस प्रयोजन के लिए आवश्यक धनराशि को आगामी सत्र में अनुपूरक मांग के माध्यम से उपलब्ध कराने की मंजूरी दी गई है ताकि स्वास्थ्य प्रणाली, धर्मार्थ के बीच जागरूकता, सद्भाव, समन्वय, प्रचार-प्रसार को एक महत्वपूर्ण सामाजिक कड़ी बनाया जा सके।
राज्य में आशा स्वयंसेवकों को मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, परिवार नियोजन आदि के लिए नियमित घरेलू दौरे, माताओं और बच्चों का मार्गदर्शन करना, रोगियों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, ग्रामीण अस्पतालों, उप-जिला अस्पतालों, जिला अस्पतालों में रेफर करना जैसे कर्तव्य निभाने होते हैं।
पहले से ही शुरु था विचार
आशा स्वयंसेवकों और समूह प्रवर्तकों के कार्य की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, सरकार आशा स्वयंसेवकों और उनके कर्तव्यों का पालन करते समय आकस्मिक मृत्यु के मामले में 10 लाख रुपये और स्थायी विकलांगता के मामले में 5 लाख रुपये का अनुदान प्रदान करने पर विचार कर रही थी।