मुंबई यूनिवर्सिटी परिसर में बिना इजाजत आंदोलन पर रोक
परीक्षा संबंधी भ्रम और पंजीकृत स्नातक समूह के एजीएम चुनावों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली मुंबई यूनिवर्सिटी आंदोलन से जुड़े सर्कुलर के कारण विवादों में है।
अब से, संगठनों या व्यक्तियों को मुंबई विश्वविद्यालय के परिसर में पूर्व अनुमति के बिना किसी भी प्रकार की बैठकें, विरोध प्रदर्शन, मार्च, भूख हड़ताल, विरोध मार्च, बैठकें और इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। (Ban on unauthorized protests in Mumbai University campus)
छात्र संगठनों ने किया विरोध
हाल ही में मुंबई यूनिवर्सिटी की मैनेजमेंट काउंसिल की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मुंबई यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा इस संबंध में सर्कुलर जारी करने के बाद छात्र संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया है और छात्रों में भी गुस्सा फैल गया है। साथ ही इस सर्कुलर को तुरंत वापस लेने की मांग भी जोर पकड़ रही है।
किसी भी प्रदर्शन पर रोक
मुंबई यूनिवर्सिटी फोर्ट कॉम्प्लेक्स, सांताक्रूज़ में कलिना कॉम्प्लेक्स, ठाणे कैंपस, कल्याण में स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंसेज, रत्नागिरी कैंपस और तालेरे में विजयलक्ष्मी विश्वनाथ दलवी आदर्श कॉलेज और डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर आदर्श महाविद्यालय परिसर में बिना पूर्व अनुमति के कोई भी विरोध प्रदर्शन या कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकेगा।
यह निर्णय छात्रों की आवाज को दबा रहा है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित कर रहा है। इस सर्कुलर का छात्र भारती विद्यार्थी संघ ने कालीना परिसर में जलाकर कड़ा विरोध किया। इस अवसर पर छात्र भारती विद्यार्थी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रोहित ढाले, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सुरक्षा दृष्टिकोण से निर्णय - मुंबई विश्वविद्यालय
सुरक्षा की दृष्टि से और यह सुनिश्चित करने के लिए कि मुंबई विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना न हो, विरोध प्रदर्शन के लिए पूर्व अनुमति लेने का निर्णय लिया गया है।
इस निर्णय के अनुसार, किसी भी संगठन या व्यक्ति को किसी भी प्रकार की बैठकें, विरोध प्रदर्शन, मार्च, उपवास, विरोध मार्च, बैठकें और इसी तरह के किसी भी कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए मुंबई विश्वविद्यालय प्रशासन की पूर्व अनुमति लेनी होगी, मुंबई विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिपत्र में स्पष्ट किया है।