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मुंबई- दो साल में लोकल ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए होंगे अलग कोच

मुंबई- दो साल में लोकल ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए होंगे अलग कोच


रेलवे प्रशासन ने मुंबई की लोकल ट्रेन में यात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को होने वाली परेशानियों को खत्म करने के उद्देश्य से लोकल डिब्बों में से एक को वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग डिब्बे में बदलने का निर्णय लिया है।


हालांकि, इस संबंध में कार्य आदेश में रेलवे प्रशासन की ओर से की जा रही देरी को लेकर हाईकोर्ट ने बुधवार को नाराजगी जताई। साथ ही रेलवे प्रशासन को जल्द से जल्द इस वर्क ऑर्डर को वापस लेने का आदेश दिया। (Mumbai Local trains will have separate coaches for senior citizens in two years)


वरिष्ठ नागरिकों को मालडब्बा से यात्रा करने की अनुमति


मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने रेलवे प्रशासन को यह भी आदेश दिया कि वरिष्ठ नागरिकों को तब तक मालडब्बा से यात्रा करने की अनुमति दी जाए जब तक कि लोकल में अलग कोच उपलब्ध नहीं कराए जाते। इसके बाद, रेलवे प्रशासन ने अदालत को आश्वासन दिया कि दो साल के भीतर वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्थानीय स्तर पर अलग कोच उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में दायर याचिका का निपटारा कर दिया। 


कई कठिनाइयों का सामना


वरिष्ठ नागरिकों को मध्य और पश्चिमी उपनगरीय इलाकों से यात्रा करते समय कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रत्येक ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ सीटें आरक्षित होती हैं। हालाँकि, उपनगरीय लोकल ट्रेनों में भीड़ को देखते हुए, वरिष्ठ नागरिकों के लिए उन सीटों तक पहुँचना संभव नहीं है। वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के समाधान के रूप में बॉम्बे हाईकोर्ट मे एक जनहित याचिका दायर की गई थी। 


पश्चिम रेलवे के मंडल वाणिज्य प्रबंधक ने याचिका पर जवाब दाखिल करते हुए कहा कि पश्चिम और मध्य रेलवे ने पिछले साल रेलवे बोर्ड से माल कोच (चर्चगेट की दिशा से सातवीं लोकल कोच) बदलने की सिफारिश की थी। इस कोच को वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक विशेष कोच के रूप में नामित करने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड ने व्यवहार्यता और लागत अध्ययन के बाद इस साल 27 फरवरी को मंजूरी दे दी थी।


नायर की याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। उसी वक्त कोर्ट को इसकी जानकारी दी गयी। साथ ही रेलवे प्रशासन ने पीठ को बताया कि इस संबंध में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं और अगले दो वर्षों में मध्य रेलवे के 155 कोच और पश्चिम रेलवे के 105 कोच को वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग कोच में बदल दिया जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि अभी तक वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया गया है। 

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