मुंबई-पुणे की दूरी होगी कम
जून 2025 से मुंबई और पुणे के बीच यात्रा करने वाले यात्री 2 घंटे में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। यात्रा के समय को कम करने के लिए मिसिंग लिंक परियोजना पर काम अंतिम चरण में पहुंच गया है।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद राज्य के दो प्रमुख शहरों के बीच की दूरी लगभग छह किमी कम हो जायेगी। मुंबई-पुणे की दूरी पाटने के लिए दो पहाड़ों के बीच देश का सबसे ऊंचा केबल ब्रिज बनाया जा रहा है। (Mumbai-Pune distance will be reduced, Indias tallest cable bridge missing link being built between 2 mountains)
केबल ब्रिज जमीन से करीब 183 मीटर ऊपर है। पुल 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे पर खोपोली एग्जिट और सिंहगढ़ इंस्टीट्यूट के बीच वर्तमान दूरी 19 किमी है। मिसिंग लिंक के निर्माण से 19 किमी की दूरी घटकर 13.3 किमी रह जाएगी।
मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट के तहत महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) 13.3 किमी लंबी नई सड़क का निर्माण कर रहा है। इसमें दो सुरंगें और दो केबल ब्रिज बनाए जा रहे हैं. 13.33 किमी में से 11 किमी लंबा सुरंग और लगभग 2 किमी केबल ब्रिज होगा। एमएसआरडीसी के मुताबिक दोनों सुरंगों की खुदाई पूरी हो चुकी है. फिलहाल सुरंग के अंदर फिनिशिंग का काम चल रहा है.
बारिश की समस्या नहीं
मुंबई-पुणे यात्रा के दौरान ट्रेनों को खोपोली के पास घाट सेक्शन से गुजरना पड़ता है। घाट सेक्शन में अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। वहीं, मानसून के दौरान भूस्खलन के कारण यातायात बाधित होता है। इसलिए बरसात के दौरान मुंबई की ओर आने वाली पहाड़ से सटी एक लेन को बंद करना पड़ता है।
दुर्घटनाओं को कम करने और पूरे वर्ष वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर खोपोली एग्जिट और कुसगांव के बीच 13.3 किमी लंबे मिसिंग लिंक का निर्माण किया जा रहा है।
हवा का भी असर नहीं
खोपोली में निर्माणाधीन देश का सबसे ऊंचा केबल ब्रिज 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं का सामना कर सकता है। ब्रिज निर्माण कंपनी एफकॉन्स के प्रबंध निदेशक एस. परमशिवन के मुताबिक, जिस परिसर में पुल का निर्माण किया जा रहा है, वहां 25 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं और अधिकतम गति 50 किमी प्रति घंटे की होती है।