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मुंबई में अजित पवार गुट के जिला अध्यक्ष की हत्या

मुंबई में अजित पवार गुट के जिला अध्यक्ष की हत्या

भायखला पुलिस ने भायखला विधानसभा तालुका अध्यक्ष सचिन कुर्मी उर्फ मुन्ना (45) की हत्या के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। संदेह है कि पूर्व रंजिश के चलते उनकी हत्या की गई है।


इस संबंध में भायखला पुलिस थाने में हत्या का मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों को 15 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपी सामान्य अपराधी हैं। (District president of Ajit Pawar group killed in Mumbai three arrested)


पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचना मिली कि शुक्रवार आधी रात को भायखला में रेतीवाला इंडस्ट्रीज के सामने अनंत पवार रोड पर एक व्यक्ति घायल अवस्था में पड़ा है। इसके बाद पास के कालाचौकी थाने की मोबाइल वैन मौके पर भेजी गई। घायल अवस्था में मिले कुर्मी को पुलिस ने तुरंत जेजे अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके गले, हाथ, पेट और सीने पर गंभीर चोटें आई थीं, जिसके चलते उनकी मौत हो गई। प्रारंभिक जांच के अनुसार दो से तीन अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से वार कर उनकी हत्या करने का संदेह है।


हमलावर दोपहिया वाहन पर सवार होकर वहां आए और सचिन कुर्मी पर हमला कर दिया, इस सूचना के आधार पर वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मंजूषा परब के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक माने ने जांच की और जानकारी मिली कि आरोपी बदलापुर में है। उस सूचना के आधार पर आनंद अशोक काले उर्फ अन्या (39), विजय ज्ञानेश्वर काकड़े उर्फ पप्या (34) और प्रफुल्ल प्रवीण पाटकर (26) को गिरफ्तार किया गया। काले और काकड़े दोनों घोपादेव क्षेत्र के निवासी हैं और पाटकर अग्रीपाड़ा में रहती है। 


काले उर्फ अन्या के खिलाफ बैकल, अग्रीपाड़ा, मानखुर्द, एंटॉप हिल और धारावी पुलिस थानों में कुल 10 मामले दर्ज हैं। इसमें लड़ाई-झगड़ा, हत्या का प्रयास, जबरन वसूली जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। काकड़े उर्फ पप्या के खिलाफ भायखला पुलिस थाने में भी लड़ाई-झगड़े का मामला दर्ज है। साथ ही पाटकर के खिलाफ भायखला, एंटॉप हिल और धारावी पुलिस थानों में तीन मामले दर्ज हैं। इस मामले में आरोपियों को 15 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में रखा गया है। पुलिस का मानना है कि सचिन कुर्मी के कारण ही आरोपियों पर आरोप लगाए गए थे। उसने कहा है कि इसी गुस्से में उसने हत्या की है। पुलिस इस दावे की पुष्टि कर रही है।


सचिन कुर्मी एनसीपी के वरिष्ठ नेता और मंत्री छगन भुजबल का करीबी कार्यकर्ता था। वह कई सालों से भुजबल परिवार का कट्टर समर्थक था। भुजबल परिवार ने अजित पवार के साथ जाने का फैसला किया। उस समय सचिन कुर्मी भी उनके साथ गए थे। सूत्रों के अनुसार वह एनसीपी (अजित पवार) के भायखला तालुका अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे थे।

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