कैप्टन अमरिंदर सिंह के सियासी दांव से पंजाब में पार्टी की टूट पर कांग्रेस हाईकमान की चिंता बढ़ गई है। पंजाब के CM चरणजीत चन्नी को बुधवार को दिल्ली बुलाया गया था। जहां अब उनकी राहुल गांधी से मीटिंग हो रही है। कांग्रेस को सबसे बड़ी चिंता पंजाब में पार्टी की टूट को लेकर है। इसमें उन मुद्दों पर भी चर्चा होगी, जिनकी वजह से कैप्टन अमरिंदर सिंह की CM की कुर्सी गई।
हालांकि चन्नी सरकार को एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। फिर भी उन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसको लेकर पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू अपनी ही सरकार पर निशाने साध रहे हैं। राहुल से मीटिंग में चन्नी के समक्ष DGP और एडवोकेट जनरल की नियुक्ति का मुद्दा भी उठेगा। सिद्धू दोनों को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
कैप्टन के करीबी विधायकों से मिल चुके हैं राहुल
राहुल गांधी ने पहले मंगलवार रात को कैप्टन के करीबी विधायकों से मीटिंग की थी। इनमें राणा गुरमीत सोढ़ी, शाम सुंदर अरोड़ा, बलबीर सिद्धू शामिल हुए। इन तीनों की ही नई सरकार बनने पर मंत्री पद से छुट्टी कर दी गई थी। कांग्रेस को चिंता थी कि कैप्टन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह कांग्रेस छोड़ उनके साथ जा सकते हैं। इसलिए राहुल ने उन्हें भविष्य में पार्टी में अच्छी जगह देने का भरोसा दिया।
फिर डिप्टी CM रंधावा से की मीटिंग
बुधवार को राहुल गांधी ने डिप्टी CM सुखजिंदर रंधावा से मीटिंग की। माना जा रहा है कि उनसे राहुल ने बेअदबी और ड्रग्स जैसे मुद्दे पर कार्रवाई का अपडेट लिया। इसके अलावा रंधावा के आगे कैप्टन की पाकिस्तानी मित्र अरूसा आलम को लेकर पैदा हुए विवाद पर भी एतराज जाहिर किया। मीटिंग के बाद रंधावा वापस लौट आए लेकिन चर्चा के बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा।
सिद्धू ने उठाए थे मुद्दे, DGP और AG को हटाने को कहा
पंजाब में चुनावी जीत के लिए नवजोत सिद्धू ने पंजाब इंचार्ज हरीश चौधरी के साथ कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात की। इस दौरान सिद्धू ने श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी, ड्रग्स और बिजली समझौते रद्द न करने का मुद्दा उठाया। सिद्धू ने पंजाब सरकार द्वारा इकबालप्रीत सहोता को DGP और एपीएस देयोल को एडवोकेट जनरल नियुक्त करने का फिर विरोध किया। सिद्धू ने कहा कि सरकार को स्पष्ट नीति दिखाते हुए विवादित चेहरों को हटाना होगा।
0 Comments