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‘अंग्रेज’ की बात नहीं आई समझ तो खाई कसम और 150 रुपये रोज कमाकर बनवा डाला स्कूल, अब मिला पद्म श्री सम्मान

पद्म पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामलों, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम के लिए प्रदान किए जाते हैं.



राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पद्म पुरस्कार से लोगों को सम्मानित किया. सम्मान पाने वाले लोगों में कर्नाटक के हरकेला हजब्बा भी शामिल हुए. हजब्बा की कहानी बेहद दिलचस्प और प्रेरित करने वाली है. कर्नाटक में मैंगलोर के रहने वाले 68 वर्षीय फल विक्रेता हरेकला हजब्बा ने 150 रुपये प्रतिदिन की कमाई से एक प्राइमरी स्कूल का निर्माण किया है. इस बेहतर काम के लिए सोमवार को, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म श्री से सम्मानित किया.

स्कूल बनाने का ख्याल कहां से आया, इस सवाल पर हरकेला कहते हैं कि कई साल पहले जब एक विदेशी पर्यटक ने उनसे अंग्रेजी में एक संतरे की कीमत पूछी तो उन्हें समझ में नहीं आया कि पर्यटक ने उनसे क्या कहा? इस पर उन्हें शर्मिंदगी महसूस हुई. उन्हें किसी भी प्रकार की शिक्षा नहीं मिली थी. यही वो समय था जब उन्होंने एक स्कूल बनाने की कसम खाई और आगे चलकर इसे साकार भी किया

गांव में नहीं था एक भी स्कूल

द बेटर इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक हरेकला हजब्बा के गांव न्यूपाडापु में कई सालों से स्कूल नहीं था. गांव के सभी बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित थे. फिर, 2000 में, हरेकला हजब्बा ने अपने जीवन की सारी बचत को लगाकर एक एकड़ की जमीन पर एक स्कूल शुरू किया.

हरेकला ने बताया, ‘मुझे कभी भी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर नहीं मिला था और मैं नहीं चाहता था कि गांव के बच्चों का भी ऐसा ही हश्र हो.’ जनवरी 2020 में यह घोषणा की गई थी कि हरेकला हजब्बा को पद्म श्री पुरस्कार मिलेगा. हालांकि, महामारी के कारण पहले समारोह आयोजित नहीं किया जा सका.

पद्म पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामलों, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम के लिए प्रदान किए जाते हैं.

इन लोगों को मिले पद्म पुरस्कार

सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पद्म पुरस्कार से लोगों को सम्मानित किया गया. इन पुरस्कारों में चार पद्म विभूषण, आठ पद्म भूषण और 61 पद्म श्री शामिल हैं. ये पुरस्कार वर्ष 2020 के लिए दिए गए. उल्लेखनीय है कि पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं – पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री. इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है.

पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, पद्म भूषण उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्म श्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है. बयान में कहा गया है कि पद्म विभूषण से सम्मानित होने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस (मरणोपरांत), अरुण जेटली (मरणोपरांत), सुषमा स्वराज (मरणोपरांत) और हिंदुस्तानी शास्त्रीय तथा अर्द्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा शामिल हैं.

इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति ने सार्वजनिक मामलों के लिए पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली (मरणोपरांत) को पद्म विभूषण प्रदान किया. यह पुरस्कार जेटली की पत्नी ने प्राप्त किया. इसके अनुसार कोविंद ने सार्वजनिक मामलों के लिए पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (मरणोपरांत) को भी पद्म विभूषण प्रदान किया और यह पुरस्कार स्वराज की बेटी ने ग्रहण किया.

पीवी सिंधु भी हुईं सम्मानित

बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, सामाजिक कार्य के लिए डॉ अनिल प्रकाश जोशी, सार्वजनिक मामलों के लिए डॉ एस सी जमीर और आध्यात्मिकता के लिए मुमताज अली को पद्म भूषण पुरस्कार प्रदान किए.

उन्होंने संथाली भाषा की प्रसिद्ध साहित्यकार दमयंती बेशरा, टेलीविजन और फिल्म अभिनेत्री सरिता जोशी, संगीतकार अदनान सामी खान और अभिनेत्री तथा फिल्म निर्माता कंगना रनौत को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति ने भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी और नई दिल्ली में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, महामारी विज्ञान और संचारी रोग विभाग के प्रमुख डॉ रमन गंगाखेडकर को भी पद्मश्री प्रदान किया

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