Header Google Ads

पटना से शुभ्रांशु का शव पहुंचा पलामू, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल,JEE की तैयारी कर रहा था युवक


 पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र स्थित कठौन्धा गांव निवासी प्रो कंचन कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह का पुत्र शुभ्रांशु राज (18 वर्ष) ने सुसाइड कर लिया. पटना में रहकर JEE का तैयारी कर रहा था. मंगलवार की रात में उसका शव फंदे से लटका हुआ पाया गया. बुधवार की शाम में उसका शव पैतृक गांव कठौन्धा पहुंचा. गांव में शव के पहुंचते ही शोक की लहर फैल गयी. परिजनों के अलावा गांव के लोग इस घटना से काफी मर्माहत हैं.

जानकारी के अनुसार, शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज के प्रो कंचन सिंह का पुत्र शुभ्रांशु राज पटना के कंकड़बाग स्थित जोगीपुर के साईं ब्याज हॉस्टल में रहकर पढ़ रहा था. उसके पिता उससे मिलने के लिए पटना गये हुए थे. मोबाइल पर उसके पिता ने बात भी किया था और हॉस्टल के लोकेशन की जानकारी ली थी.


बताया जाता है कि जब वह हॉस्टल पहुंचकर शुभ्रांशु को फोन किये, तो वह मोबाइल रिसीव नहीं किया. काफी देर तक प्रयास करने के बाद भी जब उसने फोन नहीं उठाया, तो उसके पिता ने हॉस्टल इंचार्ज से बात किया. हॉस्टल इंचार्ज ने शुभ्रांशु के कमरा का दरवाजा खोला, तो देखा कि शुभ्रांशु फंदे से झूल रहा था. इस घटना के बारे में उसके पिता को बताया गया.


साथ ही तत्काल पुलिस को घटना की जानकारी दी गयी. पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे मामले का तहकीकात किया और शव को अपने कब्जे में ले लिया. पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को शव उसके पिता को सौंपा गया. शुभ्रांशु राज ने आखिर खुदकुशी क्यों की इसके कारणों का अभी तक पता नहीं चला है.


बचपन से ही मेधावी था शुभ्रांशु

प्रो कंचन कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह के दो पुत्रों में शुभ्रांशु राज बड़ा पुत्र था. वह प्राथमिक शिक्षा जपला के उदयन स्कूल से पूरा किया था. वर्ष 2018 में मैट्रिक की परीक्षा 94.8 प्रतिशत अंक से उतीर्ण हुआ और इस परीक्षा में वह स्कूल टॉपर भी रहा. वर्ष 2020 में एसबीएस कालेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा दी. इसके बाद वह कोटा में रहकर आईआईटी की तैयारी किया. प्रथम बार की परीक्षा में वह असफल रहा. इसके बाद वह पटना में रहकर तैयारी कर रहा था.

शव पहुंचते ही घर में मचा कोहराम

बुधवार के शाम पांच बजे शुभ्रांशु राज का शव उसके पैतृक गांव कठौन्धा पहुंचा. शव पहुंचते ही उसके घर में कोहराम मच गया. घर के बाहर लोगों की भीड़ लगी थी. परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल था. प्रो कंचन कुमार सिंह फूट-फूटकर रो रहे थे. वही, मां रो-रोकर बार-बार बेहोश हो जा रही थी. अंतिम संस्कार देवरी स्थित श्मशान घाट पर किया गया.

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.