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दिल्ली-मुंबई में कोरोना की बेकाबू रफ्तार, महाराष्ट्र में 364 डॉक्टर हुए संक्रमित

दिल्ली और मुंबई ऐसे दो शहर हैं जहां देश की बड़ी आबादी रहती है और विदेशों से भी काफी संख्या में यात्री आते हैं. यही वजह है कि इन दोनों शहरों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं जो कि सरकार के लिए चिंता का विषय बन चुका है.

देशभर में कोरोना के मामलों में फिर से उछाल देखने को मिल रही है. राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना के 17 हजार से ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं तो वहीं आर्थिक राजधानी मुंबई में भी कोरोना मामलों का आंकड़ा 20 हजार को पार कर गया है. दिल्ली और महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं.

मुंबई में 20 हजार से ज्यादा केस

अगर मुंबई की बात करें तो यहां शुक्रवार को कोरोना के 20971 नये मामले दर्ज हुए हैं. साथ ही 8490 कोरोना मरीज ऐसे थे जो ठीक हो चुके हैं. मुंबई में शुक्रवार को कोरोना से 6 मरीजों की मौत भी हुई है. इसके अलावा 1395 कोरोना मरीज अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं. मुंबई के अस्पतालों में 35 हजार से ज्यादा कोरोना बेड तैयार किए गए हैं जिनमें से 6532 बेड इस्तेमाल में हैं.

कोरोना की वजह से मुंबई की 123 से ज्यादा इमारतें सील की गई हैं और फिलहाल यहां 6 कंटेनमेंट जोन एक्टिव हैं. उधर पूरे महाराष्ट्र में करीब 364 रेजिडेंट डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

दिल्ली में टूटा 8 महीने का रिकॉर्ड

दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना के 17335 केस रिपोर्ट हुए हैं जिसके बाद संक्रमण दर 17.73 फीसदी पहुंच गई है. राजधानी में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. पिछले 24 घंटे में कोरोना केस को लेकर दिल्ली ने करीब 8 महीने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. बीती 8 मई के बाद से राजधानी सबसे ज्यादा नए कोरोना मामले रिपोर्ट हुए हैं. संक्रमण दर भी करीब 8 महीने में सबसे ज्यादा है. दिल्ली में आज संक्रमण दर 11 मई के बाद से सबसे ज्यादा है. 

एक्टिव कोरोना मामलों की बात करें तो यह संख्या 39,873 हो गई है जो कि करीब साढ़े 7 महीने में सबसे ज्यादा है. दिल्ली में 20 मई के बाद सबसे ज्यादा सक्रिय मरीज हैं. बीते 24 घंटे में 9 मरीजों की मौत हुई है और 26 जून के बाद से किसी भी एक दिन में सबसे ज्यादा मौतें हैं. दिल्ली में अब होम आइसोलेशन में 20,695 मरीज हैं.

केंद्र सरकार ने भी संक्रमण को रोकने के मकसद से नई गाइडलाइन जारी है. इसके तहत विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए 7 दिन का होम क्वारंटीन अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही आठवें दिन RTPCR टेस्ट भी अब जरूरी हो गया है. कोरोना के बढ़ते मामले और नए वेरिएंट के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर पाबंदियां बढ़ाने का फैसला हुआ है. केंद्र की यह गाइडलाइन 11 जनवरी से लागू हो जाएगी.

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