अगर आप दिल्ली एनसीआर में रहते हैं और किसी दुकान से आपको 100 से लेकर 2000 तक का नोट दिया गया है तो एक बार उसे चेक कर लें. हो सकता है आप भी उस धोखाधड़ी का शिकार हो गए हों जो पिछले आठ महीने से शहर में चल रही है. गाजियाबाद पुलिस ने हाल ही 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो लंबे समय से नकली नोट छापकर शहर में खपा रहे थे. आरोपियों की यह टीम अपने काम को इतने बेहतर तरीके से करती थी कि एकबारगी देखने पर कहा ही नहीं जा सकता कि हाथ में नकली नोट है. आइए आपको पूरा मामला बताते हैं…
गाजियाबाद पुलिस ने जिन 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है वे पिछले 8 माह से नकली नोट छाप रहे हैं. इस गैंग का सरगना आजाद और उसके साथी आलम, रहबर, फुरकान, अब्बासी, यूनुस, सोनी और अमन हैं. यह मास्टर माइंड ग्रुप अब तक 17 लाख के नकली नोट छाप चुका है. ये लोग प्रिंटर से ही ऐसे नोट छाप देते थे जो बिलकुल असली जैसे लगते थे. यही कारण है कि इतने समय तक इनके इस धंधे की किसी को भनक तक नहीं लगी. इस ग्रुप में सभी के काम अलग अलग बंटे हुए थे, कोई नोट छापता था तो कोई सिक्योंरिटी मेजर लगाने का काम करता था. इसके बाद ये लोग 100 से 2000 तक के नोट मार्केट में उतार देते थे.
गाजियाबाद के एएसपी आकाश पटेल के अनुसार यह लोग असली 1000 रुपए के बदले में तिगुना जाली पैसा अपने वेंडर्स को दिया करते थे. इनके कब्जे से पुलिस ने 6 लाख 59 हजार के नकली नोट बरामद किए हैं.उधर, पुलिस अभी इस बात की भी जांच कर रही है की कहीं इनके तार किसी विदेशी संगठन से तो नही जुड़े हैं. फिलहाल इस खबर के बाद से लोग परेशान हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि कहीं उनकी जेब में तो नकली नोट नहीं.
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