वसूली के लिए एक फर्जी कॉलिंग एप के जरिए महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री का फोन नंबर इस्तेमाल करने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, वसूली के ही एक अन्य मामले में एक शख्स को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के फोन नंबर का कथित तौर पर वसूली के लिए इस्तेमाल करने के आरोप में पुणे से छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि इन लोगों ने शहर के एक बिल्डर से संपर्क करने और उससे 20 लाख रुपये वसूलने के लिए उप मुख्यमंत्री के फोन नंबर का इस्तेमाल किया था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस बात की जानकारी मिलने पर क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाया था और गुरुवार को आरोपियों को बिल्डर से दो लाख रुपये लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था। एक आरोपी ने फेक कॉल एप्लीकेशन के जरिए पवार के फोन नंबर का इस्तेमाल किया था और खुद को उप मुख्यमंत्री का एक कर्मचारी बताया था।
आरोपियों की पहचान नवनाथ चोरमले, सौरभ काकड़े, सुनील वाघमारे, किरन काकड़े, चैतन्य वाघमारे और आकाश निकलजे के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि बिल्डर ने चोरमले के दादा से 1997 में एक जमीन का टुकड़ा खरीदा था। हाल ही में चोरमले ने बिल्डर से मुआवजे की मांग की थी और इसके लिए एक याचिका भी दाखिल की थी।
उसने यह बात सौरभ काकड़े को भी बताई, जिसने मदद की पेशकश करते हुए पवार के निजी सहायक से पहचान होने का दावा किया। काकड़े ने चोरमले से वादा किया कि वह निजी सहायक से बिल्डर को फोन करने के लिए कहेगा। इसके बाद काकड़े ने एक फर्जी कॉल एप के जरिए पवार के नंबर का इस्तेमाल कर बिल्डर को फोन किया।
बिल्डर के सहायक ने यह समझते हुए फोन उठाया कि पवार की कॉल आ रही है। काकड़े ने खुद को पवार का निजी सहायक बताया और कहा कि चोरमले के साथ विवाद को हल करे। इस बारे में पता चलने पर बिल्डर ने पवार के असली निजी सहायक को फोन किया तो पता चला कि वह फोन कॉल उप मुख्यमंत्री के फोन से नहीं की गई थी।
इसके बाद बिल्डर ने चोरमले से संपर्क किया जो मामले को निपटाने के लिए 20 लाख रुपये की मांग कर रहा था। पुलिस ने बताया कि आरोपी को दो लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। काकड़े ने पूछताछ में स्वीकार कर लिया है कि उसने एक फर्जी कॉल एप्लीकेशन के माध्यम से अजीत पवार के फोन नंबर का इस्तेमाल किया था।
बिल्डर के सहायक ने यह समझते हुए फोन उठाया कि पवार की कॉल आ रही है। काकड़े ने खुद को पवार का निजी सहायक बताया और कहा कि चोरमले के साथ विवाद को हल करे। इस बारे में पता चलने पर बिल्डर ने पवार के असली निजी सहायक को फोन किया तो पता चला कि वह फोन कॉल उप मुख्यमंत्री के फोन से नहीं की गई थी।
इसके बाद बिल्डर ने चोरमले से संपर्क किया जो मामले को निपटाने के लिए 20 लाख रुपये की मांग कर रहा था। पुलिस ने बताया कि आरोपी को दो लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। काकड़े ने पूछताछ में स्वीकार कर लिया है कि उसने एक फर्जी कॉल एप्लीकेशन के माध्यम से अजीत पवार के फोन नंबर का इस्तेमाल किया था।
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