डॉक्टरों का कहना है कि कोविड होने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में लिवर से जुड़ी कोई भी बीमारी होने की आशंका काफी ज्यादा रहती है. कोरोना वायरस का कोई भी वैरिएंट हो, भले ही डेल्टा या ओमिक्रॉन यह लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है.
देश में हर दिन कोरोना(Coronavirus) के मामले बढ़ते जा रहे हैं. संक्रमित होने के बाद लोगों में कई प्रकार की परेशानी देखी जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण का कोई भी वैरिएंट लिवर (Liver) को गंभीर बीमारी दे सकता है. लिवर की बीमारी सिरोसिस वाले मरीजों में कोरोना होने पर मौत होने की आशंका 30 गुना अधिक रहती है. इसलिए जिन लोगों को कोविड हुआ है उन्हें अपने लिवर का खास ध्यान रखने की जरूरत है.
सर गंगाराम अस्पताल के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एवं गैस्ट्रोलॉजी के चेयरमैन डॉक्टर अनिल अरोड़ा ने बताया कि जिन मरीजों को पहले से लिवर की परेशानी है. उनको कोरोना होने पर काफी खतरा रहता है. कोरोना की पिछली लहर में हमारे पास ऐसे करीब 20 केस आए थे. जब कोविड रहते हुए मरीज को लिवर एब्सेस हो गया था. यह लिवर की एक गंभीर बीमारी है. यह एक जख्म होता है. जिसमें पस बनने लगता है. डॉ. के मुताबिक कोविड होने से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. ऐसे में लिवर से जुड़ी कोई भी बीमारी होने की आशंका काफी ज्यादा रहती है. डॉ. का कहना है कि कोरोना वायरस का कोई भी वैरिएंट हो, भले ही डेल्टा या ओमिक्रॉन यह लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे लिवर के काम करने की क्षमता कम हो जाती है. हालांकि अभी ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीजों में लिवर से संबंधित कोई परेशानी नहीं देखी गई है. कुछ मरीजों को बस उल्टी व दस्त कि शिकायत है.
बिना लक्षण के भी पहुंचा सकता है नुकसान
राजीव गांधी अस्पताल के डॉक्टर विजय जैन बताते हैं कि कोरोना के लक्षण न दिखने पर भी यह लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे कई मामले सामने आए हैं. जहां मरीज में कोरोना का कोई लक्षण नहीं था. फिर भी उसके लिवर में बीमारी हो गई. डॉ. अनिल का कहना है कि उनके एक पेंशेंट की लिवर एब्सेस था. जांच में पता चला कि वह मरीज कोरोना से संक्रमित है. ऐसे में उसके लिवर को काफी खतरा है.
ऐसे करें लिवर की देखभाल
डॉ. अनिल के मुताबिक, लिवर का ध्यान रखने के लिए सबसे जरूरी है कि अपने खानपान को ठीक रखा जाए. खाने में पर्याप्त प्रोटीन और विटामिन हो. जो लोग शराब का सेवन करते हैं या धूम्रपान करते हैं . उन्हें यह छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए. साथ ही जरूरी है कि खाने में चीनी, नमक, मैदा , चावल को अधिक मात्रा में न लें. रोजाना कम से कम आधा घंटे व्यायाम जरूर करें.
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