मुंबई, आइएएनएस। महाराष्ट्र कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच नए साल के पहले दिन ही सरकार ने 80 लाख मामलों और 80000 मौतों की आशंका की चेतावनी दी है, क्योंकि राज्य में तीसरी लहर स्पष्ट रूप से शुरू हो गई है। तीसरी लहर में कोविड संक्रमणों की संख्या बढ़ रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) डा. प्रदीप व्यास ने शुक्रवार की देर रात सभी जिला कलेक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा कि अगर तीसरी लहर में 80 लाख कोविड मामले आते हैं। भले ही एक प्रतिशत मामले की मृत्यु का अनुमान लगाया जाता है, तो हम 80000 मौतों को दर्ज सकते हैं।
डा व्यास ने अधिकारियों से अपील की कि वो ओमिक्रान वैरिएंट को हल्का और कम घातक मानकर न चले। यह उन लोगों के लिए उतना ही घातक है, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है। इसलिए कृपया टीकाकरण में सुधार करें और लोगों की जान बचाएं। पत्र सभी संभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों, नगर आयुक्तों और जिला के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को भेजा गया है।
महाराष्ट्र के 10 मंत्री और 20 विधायक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार यह जानकारी दी। उन्होंने लोगों से संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कोविड प्रतिबंधों का पालन करने की अपील की। भीमा कोरेगांव युद्ध के स्मारक विजय स्तंभ पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद यहां पत्रकारों से बात करते हुए अजीत पवार ने कहा कि मैं लोगों से अपील करना चाहता हूं कि उन्हें यह समझने की जरूरत है कि राज्य में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप हमें अपने विधानसभा सत्र को केवल पांच दिनों के लिए कम करना पड़ा। इतना छोटा शीतकालीन सत्र रखने के बावजूद हमने 20 से अधिक विधायकों और सरकार के 10 मंत्रियों को कोविड-19 से संक्रमित होते देखा है।
महाराष्ट्र में शुक्रवार को ओमिक्रोन के चार मामलों सहित कोरोना के 8067 नए मामले सामने आए, 1766 ठीक हुए और आठ मौतें हुई हैं। प्रदेश में सक्रिय मामले 24509 हैं। कुल 65,09,096 अब तक रिकवर हुए हैं। इधर, मुंबई में कोरोना के 5631 नए मामले सामने आए, 548 ठीक हुए और एक मौत की रिपोर्ट है। सक्रिय मामले 16441 हैं। अब तक कुल 749707 रिकवर हुए। मरने वालों की संख्या 16,376 है। 30 दिसंबर को शहर में 3671 मामले दर्ज किए गए थे। इधर, प्रदेश में कोरोना और ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत एक आदेश जारी किया, जिसमें लोगों को समुद्र तटों, खुले मैदानों, समुद्र के किनारों, सैरगाहों, बगीचों, पार्कों या इसी तरह के सार्वजनिक स्थानों पर रोजाना शाम पांच बजे से सुबह पांच बजे तक जाने से 15 जनवरी तक रोक दिया गया है।