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मिलिट्री नर्सिंग के B.Sc Nursing के छात्रों के लिए खबर, अब इस अधार पर होगा प्रवेश

 सेंचुरियन डिफेंस एकेडमी, लखनऊ के प्रबंध निदेशक शिशिर दीक्षित ने कहा कि छात्रों को अब मिलिट्री नर्सिंग सर्विसेस के कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए नीट क्वालिफाई करना होगा.   


केंद्र सरकार की तरफ से मिलिट्री नर्सिंग सर्विसेस (MNS) के छह मान्यता प्राप्त कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग (B.Sc Nursing) पाठ्यक्रम के योग्यता मानदंड को बदल दिया गया है. अब छात्रों को एमएनएस की प्रवेश परीक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) भी पास करनी होगी. यह फैसला अचानक लिया गया है, लेकिन इस बदलाव को छात्रों के हित में देखते हुए स्वीकार कर लिया गया है.इस बदलाव से पहले छात्रों को एमएनएस की लिखित परीक्षा देनी पड़ती थी, जिसमें उनसे अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान और विज्ञान के प्रश्न पूछे जाते थे. इसके बाद छात्रों को पैनल इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट के लिए उपस्थित होना होता था. अब नए प्रारूप के अनुसार, छात्रों को पांच क्वालीफाइंग राउंड से होकर गुजरना होना.


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेंचुरियन डिफेंस एकेडमी, लखनऊ के प्रबंध निदेशक शिशिर दीक्षित ने कहा कि छात्रों को अब नीट (NEET) क्वालिफाई करना होगा. इसके बाद उन्हें 80 मार्क्स का जनरल इंटेलिजेंस और जनरल इंग्लिश का टेस्ट देना होगा. बाकी तीन राउंड में ऑब्जेक्टिव टाइप साइकोलॉजिकल असेसमेंट टेस्ट (PAT), इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट शामिल हैं. शिशिर दीक्षित ने आगे कहा कि पीएटी (PAT) का आयोजन करना बेहद जरूरी है. क्योंकि मिलिट्री नर्सिंग सर्विसेस के लिए चुने जाने वाले छात्रों को एक खास मानसिकता की जरूरत होती है.


उन्होंने यह भी कहा कि कोविड महामारी से पहले एमएनएस का शैक्षणिक सत्र जून-जुलाई में शुरू हो जाता था. पिछले साल 2021 में कोविड के कारण सत्र दिसंबर महीने में शुरू हुआ था. वहीं इस साल नीट का आयोजन जुलाई महीने में किया जाना है. साथ ही परीक्षा के परिणामों की घोषणा के बाद बाकी बचे राउंड का आयोजन करने में भी समय लगेगा. इसी कारण से हम इस साल भी शैक्षणिक सत्र सितंबर महीने से पहले शुरू होने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि मिलिट्री नर्सिंग सर्विसेस के छह मान्यता प्राप्त कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग की 220 सीटें हैं. साल 2017-18 में एमएनएस प्रवेश परीक्षा में करीब 40 से 50 हजार छात्र शामिल हुए थे, जिनकी संख्या साल 2021 में बढ़कर एक लाख हो गई थी. अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि प्रवेश परीक्षा के इस नए प्रारूप के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा आगे आएंगे.
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