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Sri Lanka crisis: श्रीलंका सरकार का बड़ा फैसला, प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश

Sri Lanka crisis: श्रीलंका में हिंसक घटनाओं के बीच सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने हंबनटोटा में राजपक्षे के पैतृक घर, 14 पूर्व मंत्रियों, 18 सांसदों और राजपक्षे परिवार के प्रति वफादार नेताओं के घरों पर हमला किया था. इसके बाद सरकार ने ऐसा सख्त फैसला लिया है.


श्रीलंका में आर्थिक संकट के बाद हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. अब प्रदर्शनकारियों को सीधे गोली मारने के आदेश दिए गए हैं. रक्षा मंत्रालय ने देश की तीनों सेनाओं के लिए जारी आदेश में कहा है कि अगर कोई सार्वजनिक संपत्ति को लूटता है या फिर हिंसक प्रदर्शन करता है तो उसे गोली मार दी जाए.


फूंक दिया था राजपक्षे का घर

सेना की ओर से यह आदेश राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने लोगों से हिंसा न करने की अपील की थी. महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शनों बीच हिंसक झड़प में सोमवार तक 8 लोगों की जान जा चुकी है. महिंदा राजपक्षे ने बीते दिन प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया जिसके बाद उनका घर फूंक दिया गया था.

सरकार के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा के बाद राजधानी कोलंबो में सेना की तैनाती करनी पड़ी और राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाना पड़ा. काटूनायके एयरपोर्ट की तरफ जा रही सड़क पर प्रदर्शनकारियों ने चौकी बना ली है ताकि सत्ताधारी नेता और उनके वफादार देश छोड़कर भाग न पाएं.


अब राष्ट्रपति को हटाने की मांग

उधर, हिंसा के बाद महिंदा राजपक्षे ने अपनी पत्नी व परिवार के साथ आधिकारिक निवास-टेंपल ट्रीज- छोड़ दिया और श्रीलंका के पूर्वोत्तर तट पर स्थित बंदरगाह शहर ट्रिंकोमाली के नेवी बेस पर शरण ली है.

श्रीलंका में प्रदर्शनकारी पिछले तीन महीने से सरकार को हटाने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि राजपक्षे सरकार भ्रष्ट है और श्रीलंका में महंगाई, बेरोजगारी और भुखमरी के लिए राजपक्षे ब्रदर्स की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं. श्रीलंका में इस समय कर्फ्यू है लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांग पर डटे हैं. प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद उनकी मांग है कि राजपक्षे के बाद उनके भाई गोटबाया राजपक्षे भी राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दें.

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