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Weird Love Story: प्रेमी जोड़े के रिश्ते पर रजामंद नहीं थे घरवाले, मौत के बाद रचाई उन्हीं की शादी!

Family Did Not Agree: भारत में लव मैरिज के लिए अपने परिवार को मनाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. लेकिन शादी (Love Marriage) के लिए परिवार वाले नहीं माने तो एक प्रेमी जोड़े ने आत्महत्या (Suicide) ही कर ली. जानें क्या है पूरा मामला...

एक प्रेमी जोड़ा शादी करना चाहता था. लड़के-लड़की के घरवालों को उनके रिश्ते पर सख्त ऐतराज था. इसके कारण दोनों ने ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली. घरवालों को एहसास न था कि दोनों ऐसा कदम उठा लेंगे. अब उनकी मौत (Death) के बाद गम और आंसुओं के बीच उन्होंने दोनों को एक करने का फैसला किया. उनकी चिता एक साथ तो सजी ही, लेकिन उसके पहले उनकी शादी की रस्म पूरी की गई. यह मार्मिक घटना झारखंड (Jharkhand) के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला की है.


क्यों था घरवालों को शादी से ऐतराज?

लक्ष्मण सोरेन (Laxman Soren) और सलमा किस्कू (Salma Kisku) घाटशिला के नरसिंहगढ़ ग्राम पंचायत के अलग-अलग गांव के रहने वाले थे. पारिवारिक तौर पर उनके बीच ममेरी बहन-फुफेरे भाई का रिश्ता था, लेकिन दोनों प्यार कर बैठे. एक बार दोनों घर से भाग गए थे. घरवालों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे जिद पर अड़े रहे. इस पर लक्ष्मण सोरेन को उसके घरवालों ने काम करने कश्मीर (Kashmir) भेज दिया. बता दें कि 10 दिन पहले ही वह गांव लौटा था.


मौत के बाद परिवारों ने लिया बड़ा फैसला

इधर बीते शनिवार को सलमा अपने घर के स्कूल (School) जाने के नाम पर निकली, लेकिन घर नहीं लौटी. लक्ष्मण भी घर पर नहीं मिला. दोनों की तलाश शुरू हुई और पुलिस को भी सूचना दी गई. इस बीच रविवार को दोनों की लाशें धालभूमगढ़-कोकपड़ा स्टेशन पर मिलीं. इसके बाद दोनों घरों में कोहराम मच गया. अगले दिन पोस्टमार्टम के बाद उनकी लाशें लाई गईं तो दोनों परिवारों ने बड़ा फैसला लिया. गांव में पंचायत (Panchayat) बैठी. दोनों गांवों के ग्राम प्रधान की मौजूदगी में सलमा के पिता मेघराय किस्कू और लक्ष्मण के पिता माघा सोरेन ने तय किया कि अंतिम संस्कार के पहले उनकी शादी की रस्म निभाई जाए.


निभाई गई आदिवासी समाज की परंपरा

आदिवासी समाज (Tribal Society) की परंपरा के अनुसार दोनों के शव आस-पास रखे गए. लड़के के हाथ से लड़की की मांग में सिंदूर भरवाया गया और इसके बाद चारचौक्का गांव में एक ही चिता पर उनका अंतिम संस्कार (Funeral) हुआ. लड़के के पिता ने मुखाग्नि दी. दोनों का श्राद्ध कर्म एक साथ होगा. श्राद्ध (Shradh) का खर्च दोनों पक्षों ने मिलकर उठाने और इस घटना को लेकर किसी पर आरोप-प्रत्यारोप नहीं करने का भी फैसला किया.

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