विदेश में नौकरी के दिखाए झूठे सपने
पुलिस ने बताया कि पहला मामला 21 मार्च को सामने आया। केरल निवासी 33 वर्षीय आल्फिन रफिक ने पुलिस को जानकारी दी कि केरल में एक एजेंट ने उसे अमेरिका में काम करने का ऑफर दिया। वीजा प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसने 50000 रुपए लिए और फिर बायोमेट्रिक पूरा करने के लिए उसे बीकेसी स्थित अमेरिकी दूतावास जाने के लिए कहा। यहां अधिकारियों ने उसके दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच करने के बाद बताया कि एजेंट द्वारा जमा किया गया नियुक्ति पत्र फर्जी था।
अमेरिकी दूतावास जाकर पता चला असल मामला
रफिक ने 2019 में होटल प्रबंधन में डिग्री पूरी की और उसने भारत में विभिन्न होटलों में काम किया है। इसके बाद 22 मार्च को चेन्नई के स्टालिन पन्नीरसेल्वम (28) का मामला सामने आया। उसे भी एजेंट ने वीजा आवेदन के बाद बायोमेट्रिक करवाने के लिए अमेरिकी दूतावास भेजा। उसके द्वारा प्रस्तुत नियुक्ति पत्र भी दूतावास की ऑनलाइन जांच में फर्जी पाया गया। एजेंट ने वीजा बनवाने के लिए उससे 50000 रुपए वसूल किए थे। स्टालिन भी होटल प्रबंधन में डिग्री धारक हैं।
पुलिस को वीजा धोखाधड़ी सिंडिकेट के सक्रिय होने की आशंका
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी ने संदेह जताया है कि दक्षिण भारत में शायद वीजा की धोखाधड़ी में संलिप्त सिंडीकेट सक्रिय है। पुलिस ने एजेंटों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया है।
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