नगर निगम की अजब कार्यप्रणाली का गजब मामला प्रकाश में आया है। सवारी ऑटो जब्त कर पहले जुर्माना ठोक दिया गया। बाद में जुर्माना राशि की बावत सवाल पूछने पर फरियादी से गाली-गलौच एवं मारपीट कर दी गई।
गाजियबाद नगर निगम से जुड़ा यह मामला अब सुर्खियों में है। देवेंद्र कुमार पुत्र प्रेमबीर सिंह निवासी आनंद विहार पेशे से ऑटो चालक हैं। वह गाजियाबाद में ऑटो चलाते हैं। गत 6 दिसम्बर की सुबह साढ़े 8 बजे नगर निगम के कर्मचारियों ने मोहन नगर पर देवेंद्र का ऑटो रूकवा लिया था। लाइसेंस न होने पर ऑटो पर 720 रुपए का जुर्माना लगा दिया गया। बाद में देवेंद्र ने अपने कुछ साथियों को इस बारे में जानकारी दी।
करीब 11 बजे कुछ चालक एकत्र होकर नगर निगम के मोहन नगर जोन कार्यालय के टंकी परिसर में पहुंचे। चालकों ने कहा कि जुर्माना राशि 500 की बजाए 720 रुपए क्यूं वसूली गई है। इस पर वहां कार्यरत कर्मचारियों से चालकों का विवाद हो गया। आरोप है कि देवेंद्र की पैरोकारी करने आए कृपाल सिंह निवासी ग्राम कचैड़ा दादरी से गाली-गलौच कर मारपीट कर दी गई। कृपाल का गला तक दबा दिया गया। इस घटनाक्रम की वीडियो बनाए जाने पर कर्मचारियों ने मोबाइल छीनकर तोड़ दिया।
तदुपरांत ऑटो चालकों ने नगरायुक्त और थाना साहिबाबाद में पूरे मामले की शिकायत की। पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर जिला प्रशासन से गुहार लगाई गई है। उधर, उप्र ऑटो चालक यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक गोस्वामी और जिलाध्यक्ष रोहित कुमार का कहना है कि दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई न होने पर वह हड़ताल करने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि न्याय की खातिर हरसंभव संघर्ष किया जाएगा।